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६४६७. सम्भाष एवं बारहमासा - X हिन्दी निर्णय स्फुट २० काल X जे० काल X जैन मंदिर बोरमली कोटा ।
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६४६८. सर्वधा - सुन्दरदास पत्र० ६ ० १०३६ इच भाषा - हिन्दी विषयर०काल X ले० काल X पूर्ण वेष्टन[सं० २ प्राप्ति स्थान दिन छोटा मन्दिर अवाना। विशेष- २७ सर्वा तथा ३३ प हसाल छंद के हैं । पत्र [सं० ७ ० पू० सं० २६०
६४EE. सारसंग्रह सुरेन्द्र भूषण विषय-पूजा २० काल X ले काम मन्दिर चौगान व दी
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[ ग्रन्थ सूची- पंचम भाग
] पत्र] [सं० १ ० १०x४ इंच भाषापूर्ण बेन सं० २४० प्राप्ति स्थान दि०
६५००. सुखबिलास - जोधराज कासलीवाल । पत्रसं० २४२ । आ० १३४८ इव । माया हिन्दी पथ | विषय सूक्ति संग्रह र०काल सं० १८५४ मंगसिर सुदी ५ । ले० काल x ३ पूणं ।
वेन सं० २३ २१ प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती मन्दिर वर
६५०१. प्रति सं० २०७७ १ ० १३५० काल X पूर्ण वेष्टन सं० ३२/६० प्राप्ति स्थान दि०जैनमन्दिर भादवा (राज०)
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६x४ एवं भाषा-संस्कृत प्राप्ति स्थान- दि० जैन पार्श्वनाथ
विशेष रुवि की विभिन्न रचनाओं का संग्रह है। ०६४० ६४५
६५०२. संग्रह - X
भाषा हिन्दी विषय-संग्रह ०काल X। ले० काल X। पूणं । चेष्टन सं० ५८ । प्राप्ति स्थान दि० जैन मंदिर पंचायती दूनी ( टोंक ) ।
विशेष जैन एवं जैनेतर विभिन्न ग्रंथों में से मुख्य स्थलों का संप है।
६५०३. संग्रह ग्रन्थ- x ३ पत्रसं० ७ । प्रा० १०x४] इथ | भाषा संस्कृत विषय - संग्रह २० फाले० काल x पूर्ण न सं० ३१० प्राप्ति स्थान दि० जैन मंदिर पार्श्वनाथ चौगान दी।
विशेष - विविध विषयों के श्लोकों का संग्रह है ।
६५०४ संग्रह ग्रन्थ- X वेष्टन ०६४ प्राप्ति स्थान
१. मदनपराजय
२. जानरवरोध अन्तिम
एन० १५० १०x६३ इ ले०काल सं० १२२० । दि० जैन मन्दिर मागदी बूंदी | हिन्दी अपूर्ण
चरणदास रणजीत
हिन्दी । पू । ८० काल सं० १८६६ ।
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सुखदेव गुरु की दया सु साथ तथा सुजान । चरणदास रजीत ने कह्यो सरोदे ज्ञान || बहरे में मेरी जनम, नाम रणजीत बसानो मुरली को सुत जान जाति दुसर पहचानो ।।