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अभी राजस्थान में नागरेर कुचामन, प्रतापगड, सागवाड़ा, आदि स्थानों के महत्वपूर्ण ग्रंथ भण्डारों की सूची का कार्य प्रविष्ट है इनकी सूची दो भागों में समाप्त हो जायगी ऐसो धाशा है। इस प्रकार राजस्थान के रूप मण्डारों की ग्रंथ सूची के ७ भाग प्रकाशित हो जाने के पश्चात् ग्रंथ सूची प्रकाशन की हमारी योजना हीदी तक पूरी हो सकेगी।
प्रकयकारिणी कमेडी उन विभिन्न नगरों एवं कस्बों के शास्त्र भण्डारों के व्यवस्यापकों की बामारी है जिन्होंने विद्वानों को ग्रंथ सूची बनाने के कार्य में पूर्ण सहयोग प्रदान किया है। प्राशता है भविष्य में भी साहित्य सेवा के पुनीत कार्य में उनका सहयोग प्राप्त होता रहेगा।
क्षेत्र कमेटी पूज्य १०८ मुनिवर श्री विद्यानन्दजी महाराज की भी आभारी है जिन्होंने दस सूची में प्रकाशनार्थ अपना पुनीत आर्शीर्वाद प्रदान करने की महती कृपा की है। साहित्योद्धार के कार्य में मुनिश्री द्वारा हमें बराबर प्रेरणा मिलती रहती है। हम साहित्य के मून्य विद्वान् डा० हजारीप्रसादजी द्विवेदी के भी आभारी है जिन्होंने इसका पुरोवाक् लिखने की कृपा की है ।
महावीर भवन जयपुर
सोहनलाल सोगारपी मंत्री