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मंत्र शास्त्र ]
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घर्षे कात्तिक वदि ३ शुभदिने श्री रिपि मंडल यंत्र ब्रह्म प्रज्जू योग्यं पं० प्रहूंदासेन शिष्य पं० गजमल्लेन लिखितं । शुभं भवतु । कपडे पर यंत्र है।
६०६६. ५ अढाई द्वीप मंडल-- ५ । प्रा० ४२४४२ इञ्च । पूर्ण । प्राप्ति स्थान--दि. जैन तेरहपंथी मन्दिर नैरणवा । विशेष—यह कपडे पर है।
६ नंदीश्वरद्वीप मंडल-x1 यह पत्र २४४२४ इञ्च का है। प्राप्ति स्थानदि. जैन तेरहपंधी मन्दिर नैरणवा ।
विशेष--इसमें अंजनगिरि प्रादि का प्राकार पुराने मडल से सं० १९०६ में बनाया गया है।