SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 498
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ४३७ पत्र सं० १ पत्र [सं० १ ० 1 ४३२५. चंदराजानी हाल- मोहन - मोहन ० १३x४ इस भाषा हिन्दी । वे० काल X पूर्ण । बेष्टन सं० २०६६६० प्राप्ति स्थान दि० जैन कथा साहित्य ] विषय-कथा २० काल X संभवनाथ मन्दिर उदयपुर । ४३२६. चंद्रप्रभ स्वामिनो विवाह-म० नरेन्द्रकीति सं० २४ घा० ११४४३ भाषा – रजस्थानी | विषय-कथा २० काल सं० १६०२ | ले०काल x । पूर्ण । वेष्टन सं० ४६ । प्राप्ति स्थान- वि० जैन मन्दिर बोरसी कोटा | प्रादि भाग मध्य भाग प्रतिम भाग सकल जिनेश्वर भारती मीने गणधर लहीय पसाउ । सोए श्री चन्द्रप्रभ कर नमित नरामर गाय ते बीबासोए ।। १॥ बइने बोलावे मात लक्षमणा देवी मात उठोरे जिनेश्वर कहिए एक बात ||१|| सामीरे देखीजें रे पुत्र साहिजे सदा पवित्र । रजलु' भदासे व निरमल गात्र । विक्रमराव पछी संवत् सोल वय सवत्सर जाण बंगाख यदी मली सप्तमी दिन सोमवार सुप्रमाल गुजरदेश सोहमलो महीसान नगर मुसार विवाद ल र मगरली आदिश्वर भवन मार श्री मूलसंघ गपति शुभचन्द्र भट्टारक सार । तत्पदकमल दिवाकर, श्री सुमतिकीरति भवतार ॥ गुरु भ्राता तस जोंगइ श्री सकलभूषण सुरी देव नरेन्द्रकीरती सुरीवर कहे, कर जोडि ते पद सेव । जे नरनारी भावें सूर, भगेंद सु यह गीत । ते पद पायें साम्वता श्री चन्द्रप्रतीति ॥ इति श्री चन्द्रप्रभ स्वामिनो विवाह संपूर्ण ब्रह्म श्री गोतम लखीतं 154 ४३२७. चन्दनमलयागिरी चौपई-भद्रसेन पत्रसं० २० कथा । १० काल १७६ीं शताब्दी । ले० काल स० १७९० जेठ सुदी १३ पूर्ण स्थान- दि० जैन मन्दिर कोटडियों का दुगरपुर I । पठना ब्रह्म श्री रूपचन्दजी | भाषा हिन्दी पद्य विषयवेष्टन सं० १/१ प्राप्ति ― - प्रशस्ति- संवत् १७८० मासोमा जेठ मासे शुक्ल पक्षे त्रयोदाम्य तिथी भौमवासरे इर्द मुस्तक निखापितं कारजा नगर मध्ये श्री चन्द्रम अंथालये लेखक पाठकको शुभं प्रति सचित्र है तथा उसमें निम्न चित्र हैं
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy