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________________ ( छतीस ) है तथा वह पद्यमय है । टीकाकाल संवत् १९१३ श्रावण सुदो ३ है। टीका की एक प्रति वदोके पार्चनाथ मन्दिर के मास्त्र भण्डार में संग्रहीत है। ७० प्रादिनाथ स्तवन (६८०७) यह स्तवन तपागाछीय साधु सोमसून्दर सूरि के शिष्य मेहल द्वारा निर्मित है। इसका रचनाकाल संवत १४६ है भाषा हिन्दी एवं पद्य संख्या ४८ है। इसमें रासाकपुर के मन्दिर का सून्दर वर्णन किया गया है रचना ऐतिहासिक है। स्तवन का अन्तिम पद्य निम्न प्रकार है भगति करू' सामी तणी ए वह दरसरण दाण। चिहदिसि कीरति विस्तरी, ए धन धरण प्रधान । संवत बदनवागवद ए धुरि काती मासे । मेह कहन मह स्तवन कीज मनि रंगि लासे॥ ४०॥ इति श्री राणपुर मंडण श्री प्रादिमाय स्तवन संपुर्ण ।। ७१ भक्तामर स्तोत्र भाषा टीका (७१७३) भक्तामर स्तोत्र की हेमराज कृत भाषा टोका उल्लेखनीय कृति है । दि जैन मन्दिर कामा के खान भण्डार में २६ पृष्ठों वाली एक पाण्डुलिपि है जो स्वयं हेमराज की प्रति थी ऐसा उस पर उल्लेख मिलता है। यह प्रति संवत् १७२७ की है । स्वयं प्रथकार की पाण्डुलिपियों में इसका उल्लेखनीय स्थान है। ७२ मक्तामर स्तोत्र वृत्ति (७१८५) । भक्तामर स्तोत्र पर भ० रलचन्द्र को यह संस्कृत टीका है । टोका विस्तृत है तथा सरल एवं सुबोध है । अजमेर की एक प्रति के अनुसार इसकी टीका सिद्ध नदी के तट पर स्थित ग्रीवापुर नगर के पार्थनाप बस्यालय में की गई थी। टीका करने में थावक करमसी ने विशेष प्राग्रह किया था। ७३ वर्षमान विलास स्तोत्र (७२८७) प्रस्तुत स्तोत्र भट्टारक ज्ञानभूषण के प्रमुख शिष्य भ. जगभूषाण द्वारा विरचित है। इसमें ४०१ पद्ध है स्तोत्र विस्तृत है तथा उसमें भगवान महावीर के जीवन पर भी प्रकाश डाला गया है। पाण्डविपि अपूरणं है तया प्रारम्भ के ३ पत्र नहीं है फिर भी स्तोत्र प्रकाशन होने योग्य है। ७४ समवशरण पाठ (७३५४) संस्कृत भाषा में निबद्ध उक्त समवशरण पाठ रेखराज की कृति है। रेखराज कवि ने इसे कब समाप्त किया था इसके बारे में कोई उल्लेख नहीं मिलता है। रचना सामान्यतः अच्छी है। इसी तरह समवशरण मंगल महाकवि मायाराम का (७:५५) तथा समवसरण स्तोत्र (विष्णुसेन) भी इस विषय की उल्लेखनीय कृतियां है।
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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