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चरितं ।
त्रोटक शोक ना जाय चित्रा पामे रिद्धि भंडार । पुत्र कलन सुभ सपने जमकीति होइ अपार ।। ३४ ।। मन प्रतीते जुळे सोचले जे पूजे ते मनोहार । मनवांछित फल पामीदस्थ मुगति लहे धरतार ॥३५॥
चाल - संगत मत मष्टादश य विशति भवधार
दिवसा पूरा भयो ए ग्रंथ शुभ सार ॥ श्रीपाल गुण अगम अपार केवलि सिद्ध चक्र भवतार | तुम गुण स्वामी प्रापण वर इच्छा नहिं सार ॥
-सेवक अवधार ज्यो दीयो अविचल थान । या पन्द्रसागर कहे सिद्धचक्र महामाम ॥२॥ माघ मास सोहामणों मवल परण मनोहार । श्री सोमवीर
इति श्री श्रीपास चरित्रे भट्टारक श्री सकलकीति तत् शिव्य श्री ब्रह्मन्दसागर विरचिते श्रीपाल
[ ग्रन्थ सूची पंचम भाग
मालच देश सलपुर में मुनिसुव्रतनाथ चैत्यालय में पंडित नेमिचन्द्र ने प्रतिलिपि की थी। ४०५१. श्रीपाल चरित्र - X | पत्र सं० १२ भाषा - हिन्दी (पद) विषय २० काल X। ०काल X अपूर्ण वेटन सं० ७६ प्राप्ति स्थान दि० जैन तेरहवी मन्दिर बसवा ४०५२. श्रीपाल चरित्र - X | पत्र संख्या ११५ ॥ भ० | । विषय- चरित्र १० काल X से०मान X पूर्ण वेष्टन सं० १० मन्दिर करौली ।
विशेष - प्रति गुटका आकार है । ११५ से आगे के पत्रों में पत्र संख्या नहीं है । इन पत्रों पर पंच मंगल, हैं जिनसहस्रनाम तथा एकीभाव स्तोत्र आदि का संग्रह है ।
X ६३ इंच भाषा हिन्दी पद्य प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती
४०५३. श्रीपाल चरित्र - X पत्र सं०] १५ से ३० पा० ११ ५३ इच भाषा। १ इश्व हिन्दी गथ विषय-चरित्र १० काल x | ले० काल X | अपूर्ण नेष्टन सं० ७९ प्राप्तिस्थानदि० जैन पंचायती मन्दिर करौली
४०५४. श्रीपाल चरित्र x ० २७० १३४७ विषय- चरित्र २० काल x ०काल सं० १२३६ । पूर्ण वेष्टनसं० ७१ मन्दिर श्री महावीर बूंदी।
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४०५६. श्रीपाल चरित्र - X विषय-चरित्र २० काल से० काल सं० स्थान- दि० जैन मन्दिर र
भाषा हिन्दी म प्राप्तिस्थान दि०जैन
४०५५. श्रीपाल चरित्र -X | पत्र सं० २६ । मा० १२x भाषा हिन्दी (गद्य) । विषय- चरित्र २० काल x 1 ले० काल सं० १६६१ । पूर्ण वेष्टन सं० ३३ । प्राप्ति स्थान दि० जैन अग्रवाल मंदिर नेरवा ।
| पत्र सं० ४७ | या० ६ x ६ई इश्व । भाषा - हिन्दी गद्य । २०४१ साल सुदी १३ पूर्ण न सं० ४३