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________________ १३८४ ] [ शुद्धाशुद्धि विवरण पत्र संख्या पंक्ति अशुद्ध पाठ शुद्ध पाठ ७११ ७१६ ७३० ७३४ ७७१ ७१७ नम्न साधमिका सानिका ४०५० ६८५० सफलकीरती भकलकीरती प्राकृत संस्कृत यमरण पाश्वनाथ थंभरण पाश्वनाथ संस्कृत हिन्दी स्तोत्रय स्तोत्रत्रय चतुविज्ञान जिन पूजा चतुविशति जिन पूजा मुद्ध अग्राम सुद्धाम्नाय पं० रत्न चतुर्ति शतिका चतुर्विशतिका दशलक्षण द्यायन दशलक्षणोद्यापन बलुआ में चन्द्रपभ बसपा में चन्द्रप्रभ शातिक शांतिक निवार्ण कांड निर्वाण कांड पंचमी वतो पूजा पंचमी अन पूजा प्रति सं०७ प्रति सं.२ उभार स्वामी मा स्वामी संस्तुत हिन्दी विद्या विधानु बादा विद्यानुवादो एमो पैतीसी सामो कार पंतीसी সাধা-বিঘাস भाषा-संस्कृत সাম্ प्रणमू सुधार प्राकृत १३६ ८४१ ५७ ५६ . 0 O r .. १४६ बसुरि १५२ 22 ६५६ १५६ ६५८ ६७० - संस्कृत मुनि सकलकीर्ति निवाणि पय प्रभसूरि अम्तिम बिहारीलाल भः सकलकोति .:: विर्थाणि पद्यनंदि सूरि मन्तिम : बिहारीदास ९९१ 1 ६१२ १००२
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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