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________________ प्रन्थ एवं पथकार ] [ १३५७ ग्रंथकार का नाम ग्रंथ माम ग्रंय सूची ग्रंथकार का नाम पत्र सं० मुकूमाल चरित्र सं०४११, ग्रंथ नाम प्रय सूत्री पत्र सं० नित्यपूजा भाषा हि. भगवती पाराधना भाषा सुदर्शन चरित्र स० ४१५ ०६८५, सुभाषित (सुभाषितार्णव) १६०, सोलहकारण रासस ६५५, १११६ महावीरनी स्तवन हि मृत्युमहोत्सव हि. १११ रत्नकरण्ड श्रावकाचार भाषा हि १५७,१७३ षोडशकरण भावना १७१ समाधिमरण भाषा हि २३८ सामयिक पाठ टीका हि० सकलचन्द्र सकलभूषण उपदेश रत्नमाला सं० ११७४, सधारमल्लिनाथ चरित्र संत समताराम ३६६ प्रा० समन्तभद्रविमानपंक्ति प्रतोद्यापसं. १०४ षटकर्मोपदेशरत्नमाला प्रय म्न चरित हि० ३५४ जैन श्रावक अम्नाहि.१०६ माप्त भीमांसा सं० २४८ चविशति स्तोत्र मंत्र ब्र०संघजी-- देवागम स्तोत्र सं०,११८४ रत्नकरण्डवावकाचार मं० १५५, ६५७ समन्तभद्र स्तुति सं०७६३ स्वयंभू स्तोत्र १०७७५, ७७६, ६६३, ६, १०१२, ११२७, ११३६, शीलमहिमा हि० १८३ श्रोणिक प्रबन्ध रास हि १४२ सम्मेदशिखर पूजा हि ६२३ सिद्धान्तचन्द्रिका टीका सं० ५३० समय भूषणअकलंकाष्टक भाषा समयसुंदर संतदास . सदानन्द सदासुखजी कासलीवाल-- अर्थ प्रकाशिका हि०१ तस्वार्थसून भाषा हि.५३, ५४, ११, ८३ दशलक्षगा भावना हि नीतिसार ० ६५९ कालकाचार्य कथा हि ४३५ क्षमा छसीसी हि० ६६५, १०६१, १११८ क्षमा बत्तीसी हि० १४२ चेतन गोत हि १६६,
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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