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________________ १३२२ ]. [ ग्रंप एवं प्रकार ४२१ ग्रंथकार का नाम ग्रंथ नाम ग्रंथ सूची प्रकार का नाम ग्रंथ नाम प्रथ सूची पत्र सं० पत्र सं० जैनेन्द्र याकरण सं० पद संग्रह हि० ६३, १०१२, १०६५ सिद्धिप्रिय स्तोत्र सं. पश्चनंदिगच्छ की पट्टावली ७६७,७६८,६८२,६४, ११२७ विनती संग्रह हि० ६५, स्वप्नावली सं० ११२७ लघु स्वयंभू स्तोत्र सं. बिनती व एद संग्रह हिल ७५७, ११२७ ६७६, ७५८ देवभट्टाचार्य- दर्शन विशुद्धि प्रकरण सं. सास बहू का झगड़ा हि देवप्रभ सूरि १०१२, १५६५ पाण्डवपुराण सं० २८७. देवासाल अठारह नाते की कथा हि देवम सूरि- संग्रहणी सूत्र प्रा. ८८ देयोचन्य- प्रागम सारोद्धार हि. २ देवराजमृगी संवाद हि० १४५, देवीदास चौबीस तीर्थ कर पूजा हि देवसुत्वर पद हि० ११११ देवसूरिप्रद्य म्न चरित्रवृत्ति सं. देवीदास राजनीति सर्वया हि देवसेन देवीनन्द प्रश्नावली सं० ५५४ याराधनालार प्रा०६१, ६७७,१३,१०८८ देवीसिंह छाबड़ा- षट्पाहुड माषा हि० पालाप पति सं० २५०, देवेन्द्र भूषण- संक: घौथ कथा हि । १६६,६८३, १००६ ४३३ तत्वसार प्रा० ४२, प्राचार्य देवेन्द्र- प्रश्नोत्तर रत्नमाला दृसि सं० १३७ दर्शनसार प्रा० २५३, देवेन्द्र (विकम सुत)यशोधर चरित्र हि० ३७६ नयवक सं० २५४, देवेन्द्र सूरि - कर्म विपाक सूत्र प्रा. १० व तत्व प्रा०५७ माव संग्रह प्रा० १४८ उपा० देवेश्वर- कलियुग की विनती हि० रत्नकोश देवाब्राह्म सं० ५५३ म. देवेन्द्रकीति- समयसार टीका सं० २२५ कायाजीव संवाद गीत हि. (भ० जगत्कोत्ति के शिष्य) ११४५ भ० देवेन्द्र कीति- प्रद्य म्न प्रइन्ध हि० ३५५, चौबीस तीर्थ कर विनती हि. ७२४, देवेन्द्रकीति--- प्राकार शुद्धि विधान सं० १०.५
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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