SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1379
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ग्रन्य एवं ग्रंथकार ! [ १३१६ ग्रंथकार का नाम मथ नाम ग्रंथ सूत्री प्रयकार का नाम गय नाम नथ सूची पत्र सं० पत्र सं० दशमीका हित ११२३ त्रिलोक विधान पुजा हि निशल्याष्टमी कथा हि ६२१ दशलक्षण पूर्ण जिनान नेरिराजमति संवाद हि नंदीश्वर पूजा हि ४४ भक्तीमरसिद्ध पुजा हि पंचकल्याणक 'पू हि. ८४७ मौन एकादशीव्रत हि पंचपरमेष्ठी पूजा हिर २५२ रक्षाबंधन कथा हि. पंवमेरु पूजी ०६५६ " ,, विधान हि रत्नत्रयकथा हि १११६, लघस्न मनविधि सं लुद्धिप्रकाश हि० १४२ सनत्रयपूजा हि. ६ षोडशकारण पूजा मंडल विधान हि० ११५ सुरविरंगिणी हि १७७, पं० टोडरमल - षोडपाकारण अद्यापन सं०६०७, ६१५ श्रावण द्वादशी कथा हि __REE, ११२३ सुभाषित प्रश्नोत्तरमाला सं०६६७ सूर्यव्रतोद्यापन पूजा सं १०७ हनुमान चरित्र हि. ४१६ प्रद्युम्नचरित्र भाषा हि. ३५४ चतुर्दगी कथा हि०१०३२ यात्मानुशासन माषा हिक १८५, १८६, १८७, १८८, १८६ गोम्मटसार राज १५ त्रिलोकसार भाषा राजा ज्वालाप्रसाद बख्तावरसिंहटीकम पुरुषार्थसिद्धयुपाय भाषा राजा १३४, १६५ मोक्षमार्ग प्रकाशक राज. टेकचन्म ज्ञानारपव भाषा हि. २०० छहढाला हि. १६६ कर्मदहन पूजा हि० ७८६ नीन लोक पूजा हि०१६ लब्धिसार भाषा हि १९९७ लब्धिसार क्षपसार भाषा राज 58
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy