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________________ ग्रंथ एवं ग्रथकार ] [ १३१७ पत्र सं० ग्रंथकार का नाम प्रय नाम नथ सूची ग्रंथकार का नाम ग्रंथ नाम ग्रंथ सूची पत्र सं० जिनसागर- अनन्त कथा हि० ११६३, पर हि ११०८ पाश्वनाथ की विनती हिल ११४३ जिनसुख सरि- कालकानाय प्रबन्ध हि० श्रीपाल राम हि ६४२ जिनसूरि- रुपसेन गजा कथा सं० पार्श्वनाथ की निशानी ४२४ अनन्तनत गस हि. बावनी हि ११६९ जिनहर्ष सूरि-- रत्नावली न्यायवृत्ति सं० जिनसेन- जिनसेन बोल हि. १०२५ जिनहंस मुनि-- दंडक प्रकरण प्रा० ११३ पंचेन्द्रिय गीत हि. १०२५ जिनेन्द्र भूषण- चन्द्रप्रमपुराण हि. जिनसेनाचार्य- प्रादि पुराण सं० ८१४ २६४,२६५,२६६ जिनेश्वरदास - नन्दीश्वर मीष पूजा सं० जिन पूजा विधि सं० जिनसहस्रनाम स्तोत्र चतुविशति पूजा हि. सं० ७२७,७२८, ७३२, जिनोक्य सूरि- हंसराज बच्छराज चौपई ६५६, १००० १००६, हि०५०६, १५४ १०४१, १०६४,१०७३, जीवन्धर गुण ठागावेलि हि० १०७४, १०७८, १०८२, ९५२,११३५ १०८८. १०६८, १११८, ११२२, १९३९,११५१, (चौदहमुरणस्थान वेलि) जीवणराम-- कृष्पजी का बारहमासा हि १०, ११२४, जैन विवाह पद्धति २० ८१५, १११६ ब्र जीवराज- परमात्मप्रकाश टीका हि० त्रिलोक वर्णन सं० ६११ महापुराण सं० २६३ जोगीवास-- धर्मरासो हि. १८१ जिनसे नाचार्य- हरिबंश पुराण सं. २०३ जोधराज कासलीवाल सुख विलास हि. जिमहर्ष घबन्तीकुमार रास हि जोधराज गोदीका-. ज्ञान समुन्द्र हि. १९७, धन्य कुमारचरित्र भाषा अवन्त सुकुमाल हि० ४२५ स्वाध्याय ७ धर्मबुद्धि पापबुद्धि चौपई प्रीतिकर चरित्र हि ३५७, १०३६
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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