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[ অর্থানুক্ষাঙ্গি
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सं०
५८८,
ग्रंथ नाम लेखक भाषा पत्र संख्या | अथ नाम लेखक भाषा पत्र संख्या विशालकीतिगीत-घेल्ह
धीरविलास-नथमल हि १६२ विशेषसत्ता विभंगी-मिचन्द्राचाय प्रा० ५० थीरविलास-बीरबद्र हि० ११३२ विषापहार छप्पय-विद्यासागर हि० १००३
वेद विवेक
__हि० १.३४ विषापहार - श्रनंजय
सं०५६,
वेदान्त संग्रह
वेदी एवं अष्टपताका स्थापन नवग्रह पूजा १५३, ६६६, १०२२, १०३५,
स १०९५, ११२७, ११२८
वेलि काम विडम्बना-समयसुन्दर हि. विषापहारीका-नागवन्द्र सं०७५६
१२०२ विपापहार टीका--प्रभाचन्द्र सं.
बंताल पच्चीसी ७५६
४६३, विषापहार स्तोत्र
हि. १०३७, ११२९ ताल पंचविंशतिका-शिवदास सं.
दैनिक प्रयोग विपापहार स्तोत्र माषा-अखपराज हि० ७५६
वैद्यक ग्रंथ-नयन तुष
११६७ विषापहार स्तोत्र भाषा-अनलकोति हि० ४५,
वैद्यक प्रश्न संग्रह
५८ ५७६०, ६७४, १००५, १११४,
वंद्य मनोत्सव-नवन सुख
११२२, ११४८ विष्णुजुमार काथा,
सं० ४८७,
वैद्य मनोत्सव केशवदास सं.
वैद्य मनोत्सव विष्य पुराण
६८ विषापंजर स्तोत्र
बंद्य मनोत्सव-नयनसुख हि. ६६२. विष्णु सहस्रनाम विसर्ग सन्धि
५१६ | वैद्य रत्न भाषा-गोस्वामी जनार्दन भट्ट विश विद्यमान तीर्थ कर पूजा १११८
सं. ५८६ विश स्थान
१६४
वैध वल्लभ – गोस्वामी जनार्दन सं० वीतगग देव चैत्यालय शोभावर्णन हि १२०२ वीतराग स्तवन
बंध यल्लम-हस्तिाचि सं० वीतराग स्तवन-पानन्द
वैद्य वल्लभ टीका-स्ति रूचि हि० ११२५ वैध विनोद
सं० वीरचन्द दूहा--- लक्ष्मीचन्द १३ | मैद्य रसायन
११७० बीर जिद १८९ लावल्लभ -लोलिम्बिाराज
१०७७ वीर जिन स्तोत्र--अभयमूरि ७६० वैद्यकग्रन्य
सं० ५८५ वीर स्तुति
प्रार ७६० वैद्यकग्रन्थ
संभ ५५६ वीरनाथ स्लवन ६८८ बैद्यकनुस्खे
सं० ५८६ वीरपरिवार
हि १०६८ | यकशास्त्र
५०१
ह.
१०४२
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