________________
१२२० ]
[ प्रन्थानुक्रमणिका
2
.
.
५१२
मंथ नाम लखा भाषा पत्र संकाय नाम लेखक भाषा पत्र संख्या कविशालगायम -- कवीन्द्राचार्य सं०५६३ कार्तिक पंचमी कथा कविकाव्य नाम
सं. १९७६ कातिक महात्म्य कबिकाव्य नाम गर्भ चक्रवृत्त सं. ११७६ कार्तिक महात्म्य कवि रहस्र-हलायुध
सं० ११७६ कातिक सेठ को चौटाल्यो हि ४३५ कवित्त
हि० ६५८ कानड काठपारानी चौपई कवित्त-बनारसी दास हि० ६५८ | कानहरे कटियारा कवित्त-बुधराब बूदी हि० १००३ | कामधेनु सारणी कवित्त--मानकवि
हि० ११४२ | कामणिकाय योग प्रसंग कवित्त--सुन्दरदास
हि. ११६६ कार्य क्षेत्र गीत-धनपाल स० १०२५ कवित्व छुपय
हि० १११४ काया जीव संवाद- देवा ब्रह्म हि० १११६ कवित्त जन्म कल्याणक महोत्सव-हरिचन्द काया जीव संवाद गीत-ब्रह्म देवहि११४५ हि. १०५४ कारक खंडन- भीष्म
मं० ५१२ कवित नागरीदास
हि १०६ कारक विचार कवित्त व स्तोत्र संग्रह हि. ६५६ ' कारिका
५१२ সিসি सं०१७ | कालक कथा
प्रा० कविप्रिया- केशवदास सं०६४२,१०३७ 'कालकाचार्य कथा-समयसुन्दर हि. ४३५ कपिसिहविवाद-द्यानतराय हि० १.४४ कालकाचार्य कथा-माणिक्य मूरि स. ४२५ कष्ट नाशक स्तोत्र
सं० १०५२ कालकाचार्यप्रबंध-जिनमुखमूरि हिल ४३५ कष्ट विचार हि ५४२ कालज्ञान
सं० ५४२, कष्टावलि सं०६६४
५७५, ५७६,६५३ कषाय जय भावना
कालज्ञान भाषा-लक्ष्मीवल्लभ हि०५७६ काषाय मागणा
१२
कालज्ञान सटीक कांजिकाव्रत कथा-सलिलकीर्ति
कालयंत्र कांजी प्रतोद्यापन-रस्वकीर्ति
জালালি
हि. है, मुनि ललितकोति
कालीकवच
दि. कानन्य रूपमाला--शिवधर्मा सं.
कालीतत्व
११७७ कातन्त्र स्पमाला टीका-दौयसिंह सं. ५११ | काव्य संग्रह कातन्त्र रूपमाला वृत्ति-भाव सेम सं० ५१२ | काशिका वृत्ति-वामनाचार्य
५१२ कातन्त्र विक्रम सुत्र-शिवधर्मी
५११ क्रियाकलाप-विजयानन्द कार्तिकेयानुप्रक्षा-स्वामी कार्तिकेय प्रा०
| क्रियाकलाप टीका-प्रभाचन्द्राचार्य सं० १६०,१९१
६.१०० कार्तिकेयानुप्रेक्षा टीका-शुभचन्द्र सं० १६१,१६२ | क्रियाकोश भाषा-किशनमिह दि. १०० कातिकेयान प्रेक्षा भाषा जयचन्द्र बड़ा राज
१०१,१०२,१०३.१०४ १६२,१९३,१९४ | क्रियाकोश भाषा : दुलीचन्द हि० १०४
सं०
सं०