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१२१८ ]
ग्रंथ नाम
कक्का मनराम
कक्मा बसीसी
लेखक
कक्का वीनती
कवा राज वधावन
-41
क
कथाकोण-चन्द्र कीनि कथाको दिन
८१, ११५, ११३२. ११५१
१०३६
१०२०
कथाकोश-भारामल्ल
कथाकोश मु० रामचन्द्र
कथाकोश - तसागर कथाकोश - हरिषेण कथाकोश
भष
कंजिका तोटाचन नतिकीति सं०
कठियार कानडरी चौ-मानसागर हि
मृत पुराण - भ० विजयकीर्ति हि
कथा संग्रह कथा संग्रह
कथा संग्रह - विजयकीति
कथा संग्रह - जयकीर्ति
कमकमल जयमाल कमलचन्द्रायण व्रतोद्यापन
कमलामती का सफाय कम्मण विधि - रतन सूरि कर्मचिताध्याय
हि० १०६८ ११०४, ११०५ हिन् ९६२,
कर्मचूर उद्यापन
कर्म छत्तीसी बनारसीदास
कर्मदहन पूजा
हि Fig.
हि
सं०
पत्र संख्या | पंथ नाम
हि०
हि०
सं०
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सं०
सं.
सं०
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हि०
४३३ स० [४३३, ४३४
प्रा०
हि ०
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सं०
१११२
१९५४
स०
४३१.२०१
२७४,
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४३१
४३२
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१०-१
१०२७
७८६
१११४
१०६१
१११७
७८
हिन्
६४१
प्रा०
८६७
१४८, १११, ११३९, ११६६
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11
लेखक
कर्मदन उद्यापन विश्वभूषण कर्मदहन उद्यापन पूजा— कचन्द्र कर्मदहन उद्यापन पूजा - शुभचन्द्र कर्मदहन उद्यापन पूजा विधान फर्मध्वज पूजा कर्मनिर्जरा
[ प्रयानुक्रमणिका
—
कर्म निर्जरणी चतुर्दशी विधान ர் कर्म प्रकृति
हिन्
Fig.
००२
सं कथा अमितकीति सं० ४७९, Yeo
७६२
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१०५०
२१३
कमों की प्रकृतियां
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कर्मप्रकृति नेमिचन्द्राचार्य
प्रा०
कर्मको १४ प्रकृतियां
हिन्
कर्म प्रकृति टीका - अभयचन्द्राचार्य सं
कर्म प्रकृति टीकाम सुमतिकीर्ति एवं ज्ञान भूषण
सं०
८
विजया बनारसीदास हि०
कर्म प्रकृति वर्णन
कर्म प्रकृति विधान
कर्म विपाक - बनारसीदास
कर्म विपाक
कर्म विपाक
कर्म विपाक सूर्याव
कर्म विपाक कथा हरिकृष्णा
—
भाषा पत्रसंख्या
सं०
७८१
हि० ७८६,७६०
वीरसिह देव
म० सफलफीति
कर्म सिद्धान्त मां
कर्मस्तव स्तोत्र
कर्म होना हकीति
०७६०, ७६१
७६२
सं०
हि०
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हिο
२१३
हि० प १०१५
सं
५७५
हि•
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प्रा०
कर्म विपाक चौपई
कर्म विपाक भाषा
कर्म विपाक सूत्र
कर्म विपाक सूत्र --- देवेन्द्र सूरि
कर्म विपाक सूत्र पोवई
कर्म विपाक रास
हिन्
कर्म विपाक रास - जिनदास हि०
प्रा०
हि
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६,६६०
११४०
प्रा०
हिο
७
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५
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११११
४३०
११३८
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१०
६३२
११३७
१०
१०२३ १०५०