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________________ गुटका संग्रह ] [ ११५१ १०२७४. गुटका सं०४६ । पत्र सं० ४१ । प्रा ६४५ इन्छ । भाषा-हिन्दी । ले. काल x 1 अपूर्ण । बेवन सं० ३३७ । विशेष—पद एवं स्लोत्रों का संग्रह है । १०२७५. गुटका सं० ४७ । पत्र सं० १५५ । प्रा० ५६४३ इञ्च । भाषा-हिन्दी । से काल X । पूर्ण । वेष्टन सं० ३३८ । विशेष-निम्न पाठों का संग्रह है। मधु विदु चौपई भगवतीदास हिन्दी (पद्य) (र० काल सं० १७४०) सिद्ध चतुर्दशी मम्यवत्व पच्चीसी (ले०काल सं० १८२५) ब्रह्मबिलारा के अन्य पाठ १ ६. काना : । । ३४५ । पा० ६४५ इञ्च । भाषा-प्राकृत-संस्कृत । ले०काल सं० १८१२ बैशाख सुदी १० । पूर्ण । वेष्टन सं० ३३६ । विशेष-निम्न पाठों का संग्रह है। गुणस्थान एवं लोक चर्चा, पंचस्तिकाय टब्वा टीका । तत्पशान तरंगरिण-ज्ञानभूषण की भी दी हुई है। उदयपुर नगरे राजाधिराज महाराजा श्रीराजसिंहजी विजयते संवत् १५१२ का बैशाख सुदी १० १०२७७. गुटका सं०४६ । पत्र सं० ६० ५ श्रा० ६४४ इभ । भाषा-संस्कृत-हिन्दी । ल काल ४ । पूर्ण । वेष्टन स० ३४० । १०२७८. गुटका सं०५०। पत्र सं० ६३ । मा० १०४७ इच। भाषा-संस्कृत-हिन्दी । लेकाल x । पूर्ण । वेष्टन सं० ३४१ । विशेष पूजा, स्तोत्र एवं सामायिक यादि पाठों का संग्रह है। १०२७६. गुटका सं०५१ । विशेष-निम्न पाठों का संग्रह है। फक्का बत्तीसी हिन्दी बणजारो रासो नागराज ७ पद्य है पंचमगति बेलि हर्षकीति पंचेन्द्रिय बेलि इनके अतिरिक्त पद, विनती एवं छोटे मोटे पदों का संग्रह है घेल्ह १०२८०. गुदका स० ५२। पत्र सं०१३४1 प्रा० २०४७ इश्व भाषा-संस्कृत-हिन्दी। ले कासX । पूर्ण । वेष्टन सं० ३४३ । विशेष-निम्न पाठों का संग्रह है। जिनसहस्रनाम जिमसेमाचार्य संस्कृत
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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