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गुटका संग्रह ]
पूजा
१५ कलि १६. मांगीतुंगी गीत १०. जंतू कुमार बीत १८. रोहिणी गीत
हिन्दी
श्रुतसागर
हिन्दी
१०१३५. गुटका सं० २५ १ ० ४ ६८० ६६३ टन सं० ७६१ । १. शतक संवत्सरी
विशेष प्रारम्भ के - प्रारम्भ के ३ पत्र नहीं हैं। सं० १७०० से १७६६ तक १०० वर्ष का वर्षफल दिया गया है।
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महात्मा भवानीदास ने लवारण में प्रतिलिपि की प्रशस्ति निम्न प्रकार है- सं० १७८५ वर्षे शाके १६४० प्रवर्तमाने मिति पाठ सुदी बार गुरुवासरे सपूर्ण दिल्ली तखतपति साहू श्री महमदसाहि । श्रबेर नगर महाराजा श्री सवाई जयसिंहजी लवाण ग्रामे महाराजाधिराज भी बांका बहादुर श्री रामजी राज फलं व्यं ।
हिन्दी
२. चितोड़ की गजलप्रारम्भ के चार पत्र नहीं है।
३. शंकर स्तोष
४. कर्म विपाक
सं० ७६२ ।
कत्रिने ५६ पञ्च्चों में चित्तौड़गढ का वर्णन किया है। प्रारंभ के ३७ पथ नहीं हैं । रचनाएं ऐतिहासिक हैं।
शंकराचार्य
सूर्याव
१, मनोरथ माला
२. जिन घमाल...
अभयचन्द सूरि
खरतर जती कवि ताक भोज एसा । संवत् सतरा ताल, श्रावण मंगसिर साल ॥
यदि पान वारसी ते रोक की न्हीं गजल परियो ठीक।
३. धर्म रासा
४. संबोध यंचासिका
2. साधु गीत
६. जकड़ी
कवि सेतान
७. पद
म धर्मतर सर्वा
६. पहले वर्णन १०. डाइसी गाथा
१०१३. गुटका सं० २६० ४१-१२० ग्रा० ६४५ इन्च भाषा - हिन्दी वेष्ट । । ।
प्राकृस
संस्कृत
अपूर्ण
महादीप, देवन्दर कबीरवास, वील्ट्री,
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[ ११११
०काल से १७४८
साह अम्बल
मनोहर
रूपचन्द
४५ पद्म
४५ पद्म
संस्कृत में हैं।
सुन्दर
(संस्कृत)
बीरा विरहमान गाया
२५ मंत्र