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११०२ ]
पद
सं० ७२ ।
चन्द
अब मोरी प्रभु सू प्रीति लमी
अनेक कवियों के पदों का संग्रह है। रचना सुन्दर एवं उत्तम है । १००६२. गुटका सं० २ । पत्र [सं० x
विशेष- निम्न पाठों का संग्रह है।
मेघकुमार गीत
बन्ना ऋषि सिज्माय
सुमति कुमति संवाद
पांचो गति की बेलि
माली रासो
१३० ।
समय सुन्दर
हर्षकी ति
विनोदीलाल
हकीर्ति
[ प्रत्थ सूची- पंचम भाग
हिन्दी
भाषा हिन्दी ले० काल x । पूर्ण । बेष्टन
(२० काल सं० १६८३)
हिन्दी
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जिनदास
१००६३ गुटका सं० ३। पत्रसं० २४२ । भाषा - हिन्दी-संस्कृत । ले०काल X | पूर्ण
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वेटन ०२
विशेष – पूजा पाठों का संग्रह है । राजुल पच्चीसी तथा राजुल नेमजी का बारहसामा भी दिया है।
१००६४. गुटका सं० ४ पत्रसं० ३० । भाषा - हिन्दी । से० काल X | अपूर्ण । वेष्टन सं ०७४। विशेष – बनारसी विलास में से कुछ संग्रह दिया हुआ है ।
प्राप्ति स्थान- दि० जैन मन्दिर बड़ा बीपंथी दौ
१००२५. गुटका सं० १ पत्रसं० १५० ग्रा० x ६ इच। ले०काल X। अपूर्ण वेष्टन सं ०
विशेष – सामान्य पूजा पाठों का संग्रह । गुटका भीगा होने से अक्षर मिट गये हैं इसलिए अच्छी तरह से पढ़ने में नहीं यासकता है।
१००६६. गुटका सं० २०६५ इव । भाषा - हिन्दी संस्कृत । ले० काल X ३ अपूर्ण वेष्टन सं०१३१ ।
प्राप्ति स्थान - दि० जैन मन्दिर तेरह थी दौसा
१००६७. गुटका सं= १ । पत्र सं० १८४ । ग्रा० १२७३ भाषा - हिन्दी- प्राकृत | ले० काल सं० १६६६ फागुर बुदी । ८ । पूर्ण वेष्टन सं० १३६ ।
विशेष निम्न पाटों संग्रह है।
ज्ञान पच्चीसी, पंचमंगल, द्रव्य संग्रह, श्रेपन क्रिया, दासः गाचा, पात्रभेद, षट् पाहुल गाया, उत्पत्ति महादेव नारायण (हिन्दी) श्रुत ज्ञान के भेद, शियालीसा, षट् द्रश्य भेद, समयसार, दर्शनसार सुभाषितावलि, कर्मप्रकृति, गोम्मटसार गाथा |