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गुटका संग्रह ]
१००५२. गुटका सं० १६ ! पत्र सं० ४६ । आ. ७४५ इञ्च । भाषा - हिन्दी । ले० काम सक १८२४ । पूणे । वेष्टन सं० ६३ ।
६५ पच २. पदस्थ ध्यान लक्षण
७४ पय ३. बारह भावना ४. दोहा पाहुड
योगीन्द्रदेव विशेष-हिन्दी अर्थ सहित है । सेवाराम पाटनी ने कुम्हेर में प्रतिलिपि की थी।
१००५३. गुटका सं० २०। पत्रसं० २० । प्रा० ७४५ इञ्च । भाषा-संस्कृत-हिन्दी । ले०काल सं० १८.३ पोप सुदी ११ । । पूर्गा । वेष्टन सं० ६७ ।
विशेष-मुख्यतः निम्न पाठों का संग्रह हैभक्तामर स्तोत्र मानतु'गाचार्य
सस्कृत जम्बूरवागी पूजा
हिन्दी प्राणीडा गीत मंगल प्रभाती
बिनोदीलाल १००५४. गुटका सं० २१ । पत्रसं० ८४ । प्रा० ६४४१ इंच भाषा-हिन्दी । ले०काल सं. १७६७ पूर्ण 1 वेष्टन सं० ६८ ।
विशेष-मुख्यत: निम्न प्रकार संग्रह है-- फुटकर सर्वया
हिन्दी सिद्धांत मुगा चौबीसी
कल्याणसास कल्याण मन्दिर भाषा
बनारसीदास बारहखड़ी कालीकवच विनती नेमिकुमार
भुयरदास पद नेमिकुमार
हू'गरसीदास १००५५. गुटका सं० २२। पत्र सं०७६ 1 प्रा० ६३४४३ इञ्च । भाषा-हिन्दी- संस्कृत । ले०कास x 1 अपूर्ण । वेष्टन सं०७७
विशेष –पूजा पाठ, जिनदास कृत जोगीरास, विषापहार स्तोत्र, भामुकीति कुत रविव्रत कथा (र० काल सं० १६८७) क्षेत्रपाल पूजा संस्थत एवं सुमति कुमति की जखडी विनोदीलाल की है।
१००५६. गुटका सं० २३ । पत्रसं० २५१ । प्रा० ३४५३ इञ्च । भाषा-हिन्दी । लेकाल X । पूर्ण । वेष्टन सं० ७६ ।
विशेष--करीब ७८ पाठों का संग्रह है। प्रारम्भ में ७२ मी दी हुई हैं । मुख्य पाठ निम्न हैं१. अठारह नाता-- कमलकीति । (२) घंटाकरण मंत्र । (३) मंगलाचरण हीरानन्द । (४) गोरख बारोटतीज कथा (६) चेतनगारी (७) सास-बहु का झगड़ा-देवाब्रह्म । (८) सरत की बारहखड़ी आदि ।