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________________ १०८० ] [ ग्रन्थ सूची-पंचम भाग ६६४६. गुटका सं० १५ । पत्रसं० ३७ । प्रा० १३४५१ इन्न । भाषा-हिन्दी । ले० काल X । पूर्ण । वेष्टन सं० ८४ । विशेष-निम्न पाठों का संग्रह है । नेमि नव मंगल विनोदी लाल हिन्दी (पद्य) र०काल सं०१७४४ सावण सुदी ६। बारह भावना भगवतीदास रविवत कथा सुरेन्द्रकीति र०काल सं० १७४४ जेठ बुदी १०। बारहखडी सूरत इनके अतिरिक्त नित्य पाठ और हैं। ६६५०. गुटका सं० १६ । पत्र सं० १४० । श्रा० ११४५३ इञ्च 1 भाषा-संस्कृत । ले० काल x पूरन ti विशेष-.. मुख्यतः निम्न पाठों का संग्रह है-- पंच मंगल प्राशाघर संस्कृत अहंद भक्ति में से है। सज्जनचित्त बल्लभ मल्लिग हिन्दी अथ सहित पर अपूर्ण। ले०काल सं० १८९७ श्रावक प्रतिज्ञा नंदराम सोगाणी हिन्दी पत्र सं०१८ द्रव्य संग्रह नेमिचन्द्राचाम प्राकृत चौबीस ठाणा चर्चा प्रतिष्ठा विवरण हिन्दी ऋषि मंडल स्तोत्र संस्कृत वनपंजर स्तोत्र प्रारम्भ-परभेष्ठी नमस्कारं सारं रवपदात्मकं । प्रान्गरक्षा करं वीरं वळपिंजर स्वराम्यहं ।। योगसार योगीन्द्र देव अपभ्रंश याहार वन इनके अतिरिक्त भक्तामर स्तोत्र, चौबीसी के नाम पट्टावलि, सूतक निर्णय, चौरासी गोत्र, सामायिक पार, बारह भावना, विषापहार, बाईस परिषह, एवं निवारण काण्ड आदि पाठों का संग्रह है। ६९५१. गुटका सं० १७ । पत्रसं० ६ । प्रा० ११४५३ इञ्च । भाषा - हिन्दी-संस्कृत । लेकाल सं० x पूर्ण । वेष्टनसं० ५६। विशेष-निम्न पाठों का संग्रह है..... पादिश्यवार कथा हिन्दी अन्य पाठ
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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