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________________ गुटका संग्रह ] चोपई संयत् दारास भावे जान. माघ शुक्ल पूर्णमासी बखान सोमवार दिन गोठ, पुरणपाठ वियो प्रति श्रेष्ठ । १२. गुटका सं० ३१ पत्र सं० २७० [सं० x पूर्ण वेटन सं० विशेष मुख्यतः निम्न पार्टी का संग्रह है ग्रंथकार ग्रंथ द्रव्य संग्रह भाषा नक्षत्र एवं वार विचार पंच स्त्रोत्र एवं तत्वार्थ सूत्र तथा पंच मंगल पाठ ज ा भाइयों की कृपा सेती लियो रामनी पाठ नन्दलाल के पढ़ने कू सुनो जातिय ॥ या भूलचुक होइ ताहि सोध सुध कीजो मोहि अल्प बुधजान छिमा उर धानियो || २ || अनन्त व्रत कथा जिनस हसनाम । आदित्यवार कथा विशेष – विभिन्न नक्षत्रों में होने वाले फलों का वर्णन है । लघु प्रादित्यवार कथा पूजा संग्रह जैन शतक पूजा संग्रह शील कथा निशि भोजन कथा अठारह नाता जैन विलास पदसंग्रह चौबीस महाराज पूजा, मुनि ज्ञानसागर जिनसेनाचार्य सुरेन्द्रकीर्ति मनोहरदास भूपरदास भारामल ० १२५७ इव भाषा हिन्दी ले० काल भाषा हिन्दी संस्कृत हिन्दी संस्कृत " हिन्दी 41 हिन्दी rt हिन्दी [ १०७३ " हिन्दी विशेष । ।।। अचलकीति भूधरदास बनारसीदास, जगराम कनककीर्ति हर्षचन्द्र जसराम, देवाया, विनोदीलाल, धानतराय, वृन्दावन ३५ पद्य
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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