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गुटका संग्रह ]
६६६३. गुटका
पूर्ण वेष्टन ० ३२ ॥
विशेष – रामचन्द्र कृत चौबीस तीर्थकर पूजा है।
६६६४. गुटका १४ । पत्रसं० २२५ । द्या० X ६ इव । भाषा प्राकृत, संस्कृत-हिन्दी | ले काल X। पूर्ण । न सं० ३३ ।
विशेष निम्न पाठों का संग्रह है:
१. जयति स्तोष
२. नव तत्व समाप्त
३. श्रावक अतिचार
४. प्रादिनाथ जन्माभिषेक
५. कुसुमाञ्जलि
६. महावीर कल
७. लूख पानी विधि
शोभन स्तुति
६. मरणधर याद
[ १०२९
सं० १३ | पत्र सं० ६ १२४ १ ० ३x६ इव । भाषा - हिन्दी पद्य | लेकाल
१०. जावू स्वामी चौपाई
११. ढोलामारुणी
अन्तिम-
मुनि प्रभयदेव
X
X
वाचक कुसललाभ
२०काल सं०] १६७७ ० काल १७११ चैव सुदी २ ।
प्रारंभ
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श्री विजयदास मुनि कमलविजय
X। जीर्ण शीर्णं । पूवेनसं० ३४ ।
६६६५. गुटका सं० १५ पत्रसं० २५ ० ५x४ इञ्च
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विशेष सामान्य पाठों का संग्रह है।
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संवत् सोलह सत्तोसरह भादवा वीज दिवस मन खर जोडी जेसलमेर कारि याच्या सुख परमद मारी। समलि गहगहइ वाषक कुमल लाम इन कह
रिधि वृषि सुख संपति सदा संभलता पामह सवदा ||७०६ ।।
प्राकृत | पूर्ण | प्राकृत
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दिविस रमति २ सुमति दातार कासमीर कमानी । ब्रह्मपुत्रिका वारा सोहर मोहरा तह परि मंजरी मुख मयंक जिमन मोहद पर पंकज प्रणामी करी ।
श्री मन आणंद सरस चरित श्रृंगार रम, मन परिणय परमाद
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संस्कृत
हिन्दी
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भाषा हिन्दी प०। ०काल
६६६६. गुटका सं० १६ । पत्र सं० ३० प्रा० ७४५ इन्च भाषा हिन्दी पद्य । ले० काल X पूर्ण वेटन सं० ३५ ।
विशेष – सामान्य पूजा पाठों का संग्रह है।