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________________ १०२२ ] [ ग्रन्थ सूची-पंचम भाग ३. पार्श्वनाथ रास-म० कपूरचंद । र काल सं० १६६७ बैशास्त्र सुदी ५ । मूलसंघ सरस्वती गच्छ गछपति नेमीचन्द । उनके पाट अशकीति, उनके पाठ गणचन्द ।। तासु सिषि तसु पंडित कयूरजी चंद। कीनो रास चिति घरिवि आनन्द ।। रत्नबाई की शिष्या श्राविका पार्वती गंगवाल ने सं०१७२२ जेठ बदी ५ को प्रतिलिपि कराई थी। ४.पंच सहेली ---छोहन हिन्दी ५-विवेक चौपई --ब्रह्म गुलाल ६-सुदर्शन रास-६० रायमल्ल प्राप्ति स्थान - दि. जैन मन्दिर कोट्यो का नैणया । ९६३६. गुटका सं० १ । पत्रसं० १४१ । प्रा९१४५ इञ्च । भाषा-संस्कृत-हिन्दी । विषय संग्रह । ले०काल सं० १८१४ पासोज वुदी ६ । पूर्ण । वेष्टन सं० ३५ । विशेष ---मुख्यतः निग्न पाठों का संग्रह है.-- जिन सहस्रनाम संस्कृत शांतिचक्र पूजा रविवार व्रत कथा हिन्दी वार्ता बुलाकीदास भक्तामर स्तोत्र मानलुगाचार्य संस्कृत कल्याण मंदिर स्तोत्र कुमुदचंद्र एकीभान स्नोत्र वादिराज विषापहार स्तोत्र धनंजय तत्वार्थ सूत्र उमास्वामि दशलक्षण पूजा रत्नत्रय पूजा तथा समससार नाटक बनारसीदास पं० जीवराज ने यांचा नगर में स्वयंभूराम से प्रतिलिपि कराई थी। ६६४०. गुटका सं० २ । पत्रसं० १४१ । आ० ८३४६३ इञ्च । ले० काल सं० ४ । अपूर्ण । वेष्टन सं०७०। विशेष-चौबीस तीर्थकर पूजा है। ६६४१. गुटका सं०३ । पत्रसं० २१३ । प्रा०६x४३ इञ्च । भाषा-हिन्दी । लेकालX । पूर्ण । अंटन सं०७१। विशेष –विविध स्तोत्र एवं पाठों का संग्रह है। ।। [ ! । । । । । ।
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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