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________________ गुटका संग्रह } परमज्योति निर्दोष सप्तमी कथा जिनाष्टक गीत आदिनाथ स्तवन कठियारा काम चउप नवकार रास अठारह नाता धर्मरासो त्रेपन क्रियाकोश कस्ता बत्तीसी यारह प्रतिमा व पदसंग्रह सप्तम्यसन गीत पार्श्वनाथ का पहला सारसमुच्चय ग्रंथ कुमाण सम्भाव विनोदीलाल नेमचन्द (जगत्कीर्ति के शिष्य ) मानसागर घोषसत्तरी ज्ञान गीता स्तोभ मोकार राम लोहट जोगीदास ३५६. गुटका सं० २१६ | पण० १७४ ० ० १७४० आसोज दुदी १० पूर्ण वेष्टन सं० ८३१ । विभिन्न कवियों के चन्द्राकी विशेष - आयुर्वेद एवं मंत्र शास्त्र से सम्बन्धित साहित्य का अच्छा संग्रह है । ३५७. गुटका सं० २२० सं० १५० पा० ६६४४३ ड ले०काल सं० १०११ । पू 1 वेष्टन सं० ९३३ । विशेष- निम्न रचनाओं का संग्रह है। हिन्दी शन्तिहर्ष (शि० जिन) FACE " 32 - J हिन्दी " " 27 ! " ० ५३४४ १ ३ भाषा हिन्दी-संस्कृत | [ ६८१ भाषा - हिन्दी-संस्कृत | संस्कृत ० काल १७४१ हिन्दी दिनकर ६३५८. गुटका सं० २२१ । पत्रसं० ६६ । प्रा० ६३x४५ इव । भाषा - संस्कृत । ले० काल x पूर्ण न सं० ९३४ । विशेष-सत्वार्थ सूत्र, ज्ञानचिन्तामरिण एवं अन्य पाठों का संग्रह है।
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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