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________________ ९६८ ] [ धन्य सूची- पंचम भाग । ६२८६. गुटका सं० १५२ पत्र सं० ६० प्रा० ४३४३६ इन्च भाषा संस्कृत | लेकाल [सं०] १९०१ । पूर्णं । न सं० ८५३ । निम्न पाठों का संग्रह है युगादिदेव स्तोत्र जिनदर्शन सप्तव्यसन चौपाई एवं हिन्दी पदों का संग्रह है। ६२६०. गुटका सं० १५३ । पत्र सं० २३ | सं०] १८९६ | पूर्ण । वेष्टन स० ८५५ । विशेष— देवगुरुयों के स्वरूप का निर्णय है। २१. गुटका सं० १५४ पत्रसं० ५४ | ० ५ x १३ इन्च भाषा - हिन्दी संस्कृत ॥ ले० काल X | पूर्ण न ० ५५४। | निम्न प्रकार संग्रह है प्रष्टप्रकृति वर्णन पंचपरमेष्ठी पद एवं तत्वार्थ है। १२१२. गुटका सं० १५५ पत्रसं०] १९० सं० १६४२ कार्तिक सुदी १४ । पूरा | बेष्टन सं० ८५६ । विशेष – निम्न रचनात्रों का संग्रह है । भविष्यदत्त रास प्रद्युम्न रास आदित्यवार कथा श्रीपाल रासो सुदर्शन स बासली मध्ये लिखित प्र० हीरा विशेष - सामान्य पाठों का संग्रह है। ६२६४. गुटका सं० १५७ पूर्ण वेष्टन ० ८५८ ॥ हिन्दी विशेष- निम्न पाठों का संग्रह है " ० ४३५ इव । भाषा - हिन्दी | ले० काल 39 27 ६२६३, गुटका सं० १५६ । पत्रसं०] १६० । आ० ४४४ इंच भाषा - हिन्दी संस्कृत काल बेष्टन सं० ८५७ ॥ ० ८४६ इच भाषा - हिन्दी ले० काल ० रायमल्ल ब्र० रायमल्ल भाऊ ब्र० राययल्ल 37 ० ६६ मा ६५३ इय भाषा ही निकाल X पद्मावती स्तोत्र टीका मंत्र राहित कर्म प्रकृति ब्योरा तथा ष्टाक कल्प, अष्टकारी देवपूजा है । १२६५. गुटका सं० १५८० १८६ ० ८४६ इच भाषा हिन्दी । ले० काल X | पूर्ण । वेष्टन सं० ८५६ । विशेष – भैया भगवतीदास के ब्रह्मविलास का संग्रह है । ६२६६. गुटका सं० १५६ पवसं० १२६ मा० ७३६ भाषा हिन्दी । ले०काल सं० १७६७ पोष बुढी बुधवार पूर्णं । वेष्टन सं० १६० ।
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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