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६०२]
अंथकार का नाम
मुनिसकलकीर्ति
सकलचन्द्र
सकलभूषण
सदानंद गणि-
आचार्य समंतभद्र
समय सुन्दरगणि—
ग्रंथ नाम
सिंहतिलक
सिनन्दि
ग्रंथ सूची की | प्रथकार का नाम
पत्र सं०
नंदीश्वरपूजा
चैत्यवंदना
दर्शनस्तोत्र
उपदेशरत्नमाला
गोम्मटसारटीका
सिद्धान्तचन्द्रिकावृत्ति
समीमांसा
जिनशतकालंकार
देवागमस्तोत्र
युवत्यनुशासन
रघुवंशटीका
वृत्तरत्नाकरछंदी का
प्र म्नप्रबंध
समयमुन्दरोपाध्याय - कल्पसूत्रटीका
सहसकीति-
त्रैलोक्यसारटीका
कविसारस्वत -
शिलोच्छ कोश
वर्द्धमानविद्याकल्प
धर्मोपदेशपीयूषश्रावका
૭૨ ?
६६८
चार
सिद्धनागार्जुन -
५.७४
५० | सिद्ध सेनदिवाकर
३९४
४२५, ५७५, ७२०
रत्नकरण्ड श्रावकाचार
१३० १३२ सुन्दरविजय नरिण६४७ || सुमतिकीर्तिसुमतित्रा - ८१, ६९१, ७६५ सुमतिविजयगणि-बृहद्स्वयं गृस्तोत्र ५७२, ६२६ | सुमतिसागरसमंतभद्रस्तुति
५७८
सहस्रनामलघु
४२०
स्वयंवर तोत्र ४२५, ४३३,
५७४, ५६५, ६३३,
१०
२६६ |सुखदेव -
६४७
३६१
67
-
७२० सुरेन्द्रकीति
१६४
३१४
૨૭
३२३
२७०
३५१
वसुखसागर --
सुधासागर -
६४
| ग्रंथ एवं प्रन्थकार
ग्रंथ सूची की
पत्र सं०
अँथ नाम
नमस्कार मंत्र कल्पविधि
सहित ३४६
FEB
३६२
तापुट जिनसह नामस्तोय
वर्द्धमानशिका
सम्मतिर्क
आयुर्वेद महोदधि
मुक्तावलीपूजा
पंचकल्याणुरूपूजा
परम समस्थानिकपूजा
सौभाग्यपंचमीकथा
कर्मप्रकृतिटीका
३
चारित्रशुद्धिविधान V!! रघुवंशटीका ?૨૪ त्रैलोक्यसारपूजा ४८५
दशलक्षणता ४८६,
५४०
पोड्नकारणपूजा
व्रतोद्यापन
४१५
१४०
२६७
५२७
५००,
५१६, ५३७
५१६
२५.५
श्रनन्तजिनपूजा
अष्टात्रिकापूजाका
छंदकीय वित्त
ज्ञानपंचविशतिका
ज्येष्ठ जिनवरपूजा
४५ १
( श्रुतस्कंध पूजा) ५४७
५१६
४EE
५०४
५४०
पंचकल्याणक पूजा
སྙོ,。
is
४५६
४६०
३५५
मात्र पूजा
A.