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[ प्रन्यानुक्रमणिका ग्रन्थनाम लेखक भाषा पृष्ठ ८ ग्रन्थनाम
लेखक भाषा पृष्ठ सं० ज्वालामालिनीस्तोत्र - (सं०) ४२४ | जानांकुश
(सं०) ६३५ ४२८, ४३३, ५६१, ६०८, ६४६, ६४७, ६४६ । ज्ञाकांकुशपाठ भद्रबाहु (सं०) ४२० मानचिन्तामणि मनोहरदास (हि.) २८
जानांकुशस्तोत्र
ज्ञानार्णव शुभनन्दाचार्य (सं.) १०६ ज्ञानदर्पण साह दीपचन्द्र हि- १०५ शानावटीका [गद्य] श्रुतसागर ज्ञानदीपक
- (हि.) १३०, ६६०
ज्ञानार्गावटीका नयाविलास (मं.) १८
- (हि.) १३१ शानदीपकवृत्ति
ज्ञानार्या व भाषा जयचंद छाबड़ा हि०) १०८ जानपच्चीसी बनारसीदास हि०) ६१४ | ज्ञानाविभाषादीका लब्धि विमलगणि (हि०) १०८
ज्ञानोपदेश के पद्य ६.४, ६५०, ६८५, ६८६, ७४३, ७७५
- (हि.) ६६२ , ज्ञानपच्चीसीस्तवन समयसुन्दर (हि०) ४३८
(हि.) ६९२
शानोपदेशाबत्तीसी ज्ञान पदवी मनोहरदास (हि०) ७१८ ज्ञानपञ्चविंशतिका प्रतोद्यापन सुरेन्द्रकीर्ति (सं.) ४१
भखड़ी श्री मन्दिरजी की
(हि०) ४३८ भाड़ा देने का मन्त्र
- (हि०) ५७१ ज्ञानपश्चमोवृहद्स्तवन समयसुन्दर (हि.) ७७६
झांझरियानु चौडाल्या - (हि.) ४३८ ज्ञानपिण्डकी विशतिपद्धडिका - (अप) ६३५
झूलना
गंगाराम (हि.) ७५७ सानपूजा
(सं.) ६५८ ज्ञानपंडी मनोहरदास (हि.) ७५७ ज्ञानबावनी __ मतिशेग्बर (हि.) ७७२ ] टंडारणागीत
बूचराज (हि०) ५० ज्ञानभक्ति - (स.) ६२७ कारणांग सूत्र
(मं०) २० ज्ञानसूर्योदयनाटक वादिचन्द्रसूरि (म.) ३१६ | डोकरी पर राजा भोजराज को वार्ता (हिं.) ६६५ ज्ञानसूर्योदयमाटकभाषा पारसदाम निगोत्या (हि.) ३१७ ठाहसी गाथा
(प्रा०) ६२८ ॥ ज्ञानसूर्योदयनाटकभाषा बखताचरमल (हि.) ३१७ हादसो गाथा दादसी मुनि (प्रा०) ७०७ ज्ञानसूर्योदयनाटकभाषा भगवनीदास (हि.) ३१७ डालगण
(हि.) ३२७ ज्ञानसूर्योदयनाटकभाषा भागचंद (हि०) ३१७ ढाल मङ्गलमवी ज्ञानस्वरोदय चरणदास (हि.) ७५६ | ढोला मारूणी की बात - (हिं०) २२६, ६०० ज्ञानस्वरोदय
(हि०) ५ ढोला मारूपी की वार्ता ज्ञानानन्द
रायमल्ल (हि०) ५८ | कोला मारूवणी चौपाई कुशल लाभ (हिए) राज० २२५ ज्ञानबावनी बनारसीदास (हि०) १०५ | प्रकार पंचविशन्ति पूजा - (संग) ५१० ज्ञानसागर मुनि पद्मसिंह (प्रा०) १०५ । णमोकारकल्प