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________________ [ ७५१ १. भविष्यदत्त चौरई ११६ २. चौबोस तीर्थ परिचय १४२ ५६६५. गुटका सं० १७ पत्र ०८७८४६६० | भाषा-हिन्दी विषयले काल गुटका संग्रह ] X पूर्ण ३० सं० ११० । पूर्ण वे० सं० १११ । १. सम्मका भाषा अन्तिम - २. स विशेषगुणस्थान चर्चा है। ५६६६. गुटका सं० १८ पत्र सं० ग्रा० ७८६ ३० । भाषा - हिन्दी | ले० काल सं० १८७४ | ० रायमल्ल स्योजीराम सोगानी * < हिन्दी विशेष - ७०६ प हैं । 53 ' gehe, make whe जगत र खिति वज्यो, जिने नमाद सीस ॥ १ ॥ पूजा पूज' सारदा, तीजा गुरु के बाद लगन चन्द्रिका ग्रन्थ की भाषा करूं बरगाय ॥ २ ॥ गुरन मोहि आग्या दर्द, मसतक धरि के बांह । लगन चन्द्रिका यंत्र की भाषा कहूं बरगाय ॥ ३ ॥ · मेरे श्री गुरुदेव का भांबावती निवास । नाम भीजे चन्द्रजी, पंडित बुध के बाग़ ॥ ४ ॥ लालचन्द पंडित तरणे, नाती चेला नेह | फलेचंद के सिग तिने मी हवन करेह ॥ ५ ॥ कवि सोगा गोत्र है, जैन मतो पहचानि । कान को नंद ते स्योजीराम वखाणि ॥ ६॥ हिन्दी नारा के साल परि, वरष सात चालीस माघ सुकल की पंचमी, बार सुरनकोईस ॥ ७ ॥ गम की भाषा कही जु सार । जे यासीखे ते नरा ज्योतिस को ले पार ।। ५२३ ।। वृन्दकवि 7 १-४३ हिंदी प ० कालावुदी १० १८७४
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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