SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 796
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७३२ ] { गुटका-संग्रह ५८७६. गुटका मं०४६ । पत्र सं० ४६ । प्रा० ५४५ ३० । भाषा-हिन्दी संस्कृत । ले. काल । पूर्ण में. ३४१। विशेष-गुटके के मुख्य पाठ निम्न प्रकार हैं १. जैनातक भूधरदास हिन्दी २. ऋषिमण्डलस्तोत्र गौतमस्वामी संस्कृत ३. जीसी नन्दराम , ले०कान १८८८ ३४-४२ ५८८०. गुटका सं०५० । पत्र सं० २५४ । प्रा० ५४५ इ० 1 भाषा-संस्कृत हिन्दी । विषम-पूजा पाठ ले. काल XI पूर्ण । वे० सं० ३४२ ५८८१, गुटका स०५१ । पत्र सं० १६३ । मा० ७१४४१ इ.। भाषा-हिन्द संस्कृत । ले. पाल सं० १८८२ । पूर्ण । वे० सं० ३४३ | विशेष-गुटके के निम्न पाठ मुख्यतः उल्लेखनीय हैं। १. नवग्रहभितपाईस्तोत्र १-२ २. जीविचार मा० नेमिचन्द्र ३. नवतत्वप्रकरण ४. चौबीसदण्डविचार १५-६८ ५. तेईस बोल विबरण ६६-६५ ३-८ xxx विशेष दाता की कसोटी दुरभिछ परे जान जाद। सूर की कसौटी दोई धनी जुरे रन में। मित्र की कसौटी मामलो प्रगट होय । हीरा की कसौटी है जौहरी के धन में ।। कुल को कसौटी मादर सनमान बानि । सोने की कसौटी सराफन के जतन में ।। कहै जिननाम जैसी बस्त तैसी कीमति सौ। साधु की कसौटी है दुष्टन के बीच में ॥ १. विनती समयसुन्दर हिन्दी
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy