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________________ गुटका-संग्रह ] [ ७२१ ५८२२. गुटका स० १६ पत्र सं० १२७ पा० ६६x४ ६० भाषा-हिन्दी संस्कृत विषय-पूजा पाठ | से० काल X अपूर्ण २० सं० ७६२ । ५८२३. गुटका सं० १७ पत्र ०७-२३० ० ६७३६० भाषा हिन्दी मे० काल सं० १७६२० ७६२ विशेष-यह गुटका बसवा निवासी पं० दौलतरामजी ने स्वयं के पढ़ने के लिए पारमराम ब्राह्माण मे निवाया था। १. नाटकसमयसार २. बनारसीविलास बनारसीदास ४. तोर्थङ्करो के ६२ स्थान X ४. खंडेलवालों की उत्पत्ति और उनके ८४ गोत्र X पाठ । से० काल X | प्रपूर्ण वे० सं० ७६४ | 1 H हिन्दी काल X | मपूर्ण । वे० सं० ७६८ । " ५६२४ गुटका सं १८ पत्र सं०५-३१५० १६६६० भाषा - हिन्दी संस्कृत विषय-पूजा 33 विशेष - हिन्दी पदों का संग्रह है । अपूर्ण १-५१ ८२-१०३ ११४-२२० २२५-२३० २६२५. गुटका सं० १६ पत्र ० ४० ० ६६० भाषा - हिन्दी संस्कृत विषय स्तोत्र ले० काल x पूर्ण वे० सं० ७६५ । विशेष सामान्य स्तोत्रों का संग्रह है। ५६२६. गुटका सं० २० । पत्र सं० १६१ ० १ ३० भाषा हिन्दी संस्कृत विषयमा स्तोत्र | से० काल x पू० सं० ७६६ । + ५८२७ गुटका सं० २१ पत्र [सं०] १२०० ६३१० भाषा-विषय-पूजा पाठ ० काल X। पूर्ण ० सं० ७६७ । विशेष-गुटका पानी में भीगा हुआ है । ५२. गुटका सं० २२ प ० ४६ प्रा० ७५३ ३० भाषा हिन्दी विषय-पद संग्रह | ले० 1
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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