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________________ गुटका संग्रह ] ५६८३. गुटका संः ३०१ । पत्र सं० १८ । प्रा० ४.४३ इ० 1 भाषा-संस्कृत हिन्दी । विषय-संग्रह । ले० काल १९१८ | पूर्ण । विशेष-लावणी मांगीतुगी की- हर्षकीत्ति ने सं० १९०० ज्येष्ठ मुदो ५ को यात्रा को थी । ५६८४. गुटका सं० ३८२ । पत्र सं० ४२ | प्रा० ४४३३ १७ । भाषा-संस्कृत । विषय-संग्रह । पूर्ण विशेष—पूजा पाठ संग्रह है। ५६८५. गुटका सं० ३०३ । पत्र सं० १०५ | प्रा० ४१४४३ इ. । पूर्ण । विशेष-३० यन्त्र दिये हुये हैं । कई हिन्दी तथा उर्दू में लिखे हैं । प्रागे मन्त्र तथा मन्त्रविधि दी हुई है। उनका फल दिया हुआ है । जन्मात्रो सं० १८१७ को जगतराम के पौत्र मारणकयन्द के पुत्र की प्रायुर्वेद के नुसरले 7 दिये हुये हैं। ५६८६. गुटका सं० ३०३ क । पत्र सं० १५ । प्रा० ८४५३ इ० । भाषा-हिन्दी । पूर्ण । विशेष-प्रारम्भ में विश्वामित्र विरचित रामकवच है। पत्र ३ से तुलसीदास कृत कवितबंध रामचरित्र है 1 इसमें छप्पय छन्दों का प्रयोग हया है। १-२० पञ्च तक संख्या ठोक हैं । इसमे मागे ३५६ संख्या से प्रारम्भ कर ३८२ तक संख्या चली है । इसके मागे २ पत्र वाली हैं। ५६८५. गुटका सं० ३०४ । पत्र सं० १६ प्रा० ७३४५ इ० । भाषा-हिन्दी । अपूर्ण। विशेष-४ से ६ तक पत्र नहीं है । अजयराज, रामदास, बनारसीदास, जगतराम एवं विजयकीत्ति के पदों का संग्रह है। ५६८८. गुटका सं० ३०५ । पत्र सं० १० । मा० ७४६ इ. | भाषा-संस्कृत । विषय-पूजा । पूर्ण । विशेष--नित्यपूजा है। ५६. गुटका सं० ३०६ । पत्र सं० ६ । प्रा० ६३४४३ इ० । भाषा-संस्कृत । विषय-पूजा पाठ । पूर्ण । विशेष-शांतिपाठ है। ५६६७. गुटका सं० ३०७ । पत्र सं० १४। प्रा० ६३४४३ इ० । भाषा-हिन्दी । अपूर्णा । बिशेष-नन्ददास की माममारी है। ५६६१. गुटका सं० ३०८ । पत्र सं० १ । प्रा. ५४४५ इ० । भाषा-संस्कृत । विषय-स्तोत्र । पूर्ण विशेष-भक्तामरऋद्धिमन्त्र सहित है ।
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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