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________________ गुटका संग्रह | ६. बृहस्पति विचार ७. ५६२ गुटका सं० २४६ प विशेष - नन्दराम कृत मानमझरी है। प्रति नहीन है । ५६२७, गुटका सं० २४५ | पत्र सं० २-४६०७५६० विशेषस्तोत्र संग्रह है। 55 ५६३०, गुटका सं० २४८ विशेष - तीर्थङ्करों के पंचकल्याण प्रादि का दर्शन है । "7 ५६२१. गुटका सं० २४७ पत्र [सं० ६-७७ ० ७४ ६ भाषा-संस्कृत हिन्दी । विशेष पूजापाठ संग्रह है। १९६०६४० भाषा - हिन्दी | - काल ९७६२ १२-१४ १५-२२ पत्र [सं०] १२ ई०६० भाषा हिदी । | | ५३३१. गुटका ० ९५६ पत्र ०८००० भाषा-हिन्दी विशेष-पदसंग्रह है। ५६३२. गुटका सं० २५० सं० १५ भा० ८३० ३० भाषा-सं विशेष - वृहत्स्त्रयं भूस्तोत्र है । ५६३३. गुटका सं० २५१ । पत्र सं० २० आ० ७४५ इ० भाषा-संस्कृत | विशेष समन्तभद्रकृत रत्नकरण्ड श्रावकाचार है। पत्र ५६३४. गुटका सं० २५२ प ० ३ ०२४६६० संस्कृत काल १९३३ । विशेष प्रकल· एक स्टोन है। [ ६६१ ५६३५. गुटका ०२५३ ०८०६४ ६० भाषा-संस्कृत [सं० काल सं० १९३३ । विशेष कामर स्टोन है। ५६३६. गुटका स० २५४० १० ०XXभाषा हिन्दी विशेष -- बिम्ब निर्वाण विधि है । ५६३७. गुटका सं० २५५ । पत्र सं० १९ । ० ७५६ ६० । भाषा संस्कृत हिन्दी . विशेष- षजन कृत इष्ट छत्तीसी पंचमगस एवं पूजा श्रादि हैं । ५६३. गुटका सं० २५६ पत्र स०६०८७६० भाषा-हिन्दी विशेष-वीचन्द कृत रामचन्द्र चरित्र है ।
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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