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________________ * श्री महावीराय नमः राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों की ग्रन्थसूची विषय - सिद्धान्त एवं चर्चा १. अर्थदीपिका - जिनभद्रमणि । पत्र सं० ५७ ६८ तक आकार १०४ इञ्च । भाषा प्राकृत। विषय-जैन सिद्धान्त र कान X लेखन काल X। अपूर्ण । वेष्टन संख्या २ प्राप्ति स्थान छ भण्डार । विशेष- गुजराती मिश्रित हिन्दी टम्बर टीका सहित है । २. अथप्रकाशिका - सदासुख कासलीवाल | पत्र सं० २०३ | श्र० ११३८ । भ० राजस्थानी (द्वारी गद्य) विषय- सिद्धान्त । १० काल सं० १६१४ | ले० काल x । पूर्ण । ० सं० ३ । प्रासि स्थान के भग्दार । विशेष - उमास्वामी कृत तत्त्वार्थ मूत्र विशद व्याख्या है। ३. प्रति सं० २ । पत्र [सं०] ११० । ले० काल X 1 ० सं ० ४८ । प्राप्ति स्थान भण्डार ४. प्रति सं० ३ । पत्र मं० ४२७ । ले० काल सं० १९३५ आसोज बुदी ६० सं० १८१६ प्राप्ति स्थान है भण्डार विशेष प्रति सुन्दर एवं प्राकर्षक है। ५. अष्टकर्म प्रकृतिवन" साठ कर्मो का वर्च्छन । र० काल X। ले० काल X पत्र सं० ४६० २६ इंच भा०] हिन्दी (गद्य) विषयअपूर्ण प्राप्ति स्थान व भार । विशेष – ज्ञानावरणादि श्राव कमों का विस्तृत वर्णन है। साथ हो गुणस्थानों का भी मन्द्रा विवेचन किया गया है। अन्त में व्रतों एवं प्रतिभाओं का भी वर्णन दिया हुआ है। ६. अष्टकर्म प्रकृतिवन" कर्मो का वर्णन १० काल X | ने० काल X। पूर्ण वे० सं० २५८ । प्राप्ति स्थान व भण्डार । - | पत्र [सं० ७ । भर० ६९५ इंच भा हिन्दी | विषय-आठ ७. प्रवचन ....... सं० २ । श्रा० १२०५३ इंच । मा० संस्कृत विषय - सिद्धान्न । ०का X नं० काल X। पूर्ण । जे० सं० १५५२ प्राप्ति स्थान अ भण्डार |
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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