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________________ ५१४ । पूजा प्रतिष्ठा एवं विधान साहित्य नाम कर्ता भाषा संस्कृत पपरमेष्टी पूजा पवनयपू1 चौसठ शिवकुमारका कांजी की पूजा ललितकीत्ति गणधरबलयपूजा सुगंधदशमीकथा युतसागर अन्दनषष्ठिकथा षोडशकारगाविधानकथा मदनकोति नन्दोवरविधानकथा हरिपैरण मेघमालाव्रतकथा श्रुतसागर ४६७६. प्रति सं३। पत्र सं०६० । ले. काल सं० १९५६ । वे सं० ४६३ । क भण्डार । विशेष-निम्न प्रकार संग्रह हैनाम कर्ता भाषा संस्कृत सुखसंपत्तित्रतोद्यापनपूजा नन्दीश्वरपंक्तिपूजा सिद्धचक्रमूजा प्रतिमासांतचतुर्दशी व्रतोद्यापन पूजा प्रभाबन्द्र विशेष--ताराचन्द [ जयसिंह के मन्त्री ] ने प्रतिलिपि को थी। लधुकल्यार संस्कृत सबलीकरणविधान इसी भण्डार में २ प्रतियों ( ० सं० ४७७, ४७८) और हैं जिनमें सामाग्य पूजा है। ४६. प्रति सं०४ । पत्र सं0 काल ४ ! ३० सं० १११ । ख भण्डार। विशेष-निम्न पूजानों का संग्रह है-- सिद्धचक्रपूजा, कलिकुण्डमन्त्रपूजा, मानन्द स्तवन एवं परापरवमय जयमाल । प्रति प्राचीन तथा मन्त्र विधि सहित है। ४४ प्रति सं०५। पत्र सं. १२ | ले. काल ४ ० सं. ४६४ | अण्डार। विशेष—इसी भण्डार में २ प्रतियां ( वे० सं० ४६०, ४६४ ) और है ।
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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