SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 490
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४२६] नाम स्तोत्र महाय तवन ज्ञानांकुशस्तोत्र चित्रबंघरतोष लक्ष्मीस्तोत्र नैमित्या लघु मानाविक चतुर्विधतिस्वयन धनकाष्टक यमकबध मापस्तम मानतो. जिनोपकार स्मरणस्तोत्र महाराष्ट्र घुमामायिक कर्त्ता X नाम स्तोत्र प्रतिक्रमण सामायिक भक्तिराच X पद्मप्रभ देव पेशाले X X X X X X भागचन्द X बोरनाथस्तवन श्रीपार्श्वजिनेश्वरस्तोत्र ४१७२ स्तोत्रसंग्रह काल । ले० काल X 1 पूर्ण । ० सं० ८२७ क भण्डार विशेष निम्न संग्रह है। X X भाषा कर्ता संस्कृत X X X 11 พ 13 13 "2 " " " 11 ४००० प्रति सं० २ । पत्र सं० १२८ ले कल X | ० ० ८६२६ । क भण्डार । विशेष-मधिकांश उक्त पाठों का ही संग्रह है। ४१०१. प्रति सं० ३०११० काम X ० ० २६ भण्डार विशेष—उक्त पाठों के प्रतिरिक्त निम्नपाठ और हैं । 99 17 1+ संस्कृत 33 । सं० ११७ | ० १२३७ इंच भाषा-संस्कृत विषय-स्तोत्र १० भाषा संस्कृत | स्तोत्र साहित्य 11 39
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy