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सुभाषित एवं नीतिशास्त्र ]
[ ३३१ ३४५५. पैंसठबोल" | पत्र सं० १ प्रा. १०४४३ इच। भाषा-हिन्दी। विषय-उपदेश । २० काल x | ले० काल X । पूर्ण । ० सं० २१७६ । अ भण्डार ।
विदोष-अथ बोल ६५
[१] अरब लोभी [२] निरदई मनस्त्र होसी [३] विसवासघाती मंत्री [४] पुत्र सुत्रा भरना लोमा [५] नीचा पेषा भाई बंधव [६] असतार प्रजा [७] विद्यावत दलद्री [८] पाखण्डी शास्त्र बांय [६] जती क्रोधी होइ [१०] प्रजाहीण नगग्रही F११] वेद रोगी होसी [१२] हीण जाति कला होसी [१३] सुधारक छल छद्र होसी [१४] मुभट कायर होसी [१५] खिसा काया कलेस धातु करसी दुष्ट बलबंत सुत्र सो [१६] जोबनदंतजरा [१७] अकाल मृत्यु होसी [१८] पुद्रा जीव घणा [१६] अंगहीण मनुल होसी [२०] प्रलप मेष [२१] उस्ल सात बीली ही ? [२२] बचन चूक मनुष होसी [२३] विसवासघाती छत्री होसी [२४] संथा...[२५] ........."[२६] .......... [२७]....... [२८] .......... [२९] अणकीघा न कोधो कहसी [३०] अापको कोधो दोष पैला का लगावसी [३१] मसुद साष भरणसी [३२] कुटल दया पालसी [३३] भेष धाराबैरागी होसी [३४] अहंकार ?ष मुरख पणा [३५] मुरजादा लोप गऊ माह्मण [३६] माता पिता गुरुदेव मान नहीं [३५] दुरजन मु सनेह होसी [३८] सजन उपरा विरोध होसी [३६] पैला की निंद्या धणी करेसी [४०] कुसवंता नार लहोसी [४१] बेसां भगतरण लज्या करसो [४२] अफल वर्षा होसी [४३] बाण्या की जात कुटिल होसी [४४] कवारी चपल होसी [४५] उत्तम परकी स्त्री नीच सु होसी [१६] नीच घरका रूपवंत होसी [७] मुंहमांग्या मेघ नहीं होसी [४८] धरतो में मेह थोड़ो होसी [४] मनश्यां में नेह योड़ो होसी [५०] विना देण्या दुपली करसी [५१] जाको सरणों लेसी तासू' ही द्वेष करी खोटी करसो [५२] गज हीणा चाजा होसासी [५३] न्याइ कहां हान क लेसी [५४] प्रवंबसा राजा ही [५५] रोग सोग घणा होसी [५६] रतबा प्राप्त होसी [५७] नीच जात श्रद्धान होसी [५८] राइजोग वणा होसी [५] अस्त्री कलेस गराकरण [६०] मस्त्री सील हीरण वणो होसी [६१] सीलवंती विरली होसी [६२] विष विकार घनो रगत होसी [६३] संसार बलावाता ते दुखी जारण जोसी।
॥ इति श्री पचायण मोल संपूरण ।
३४५६. प्रश्रोधसार-यशःकोति । पत्र सं० २३ । मा० ११४४६ च । भाषा-संस्कृत। विषयसुभाषित | २० काल - I ले. काल XI पूर्ण । ० सं० १७५ । म भण्डार ।
विशेष-संस्कृत में मूल अपभ्रश का उल्था है। ३४५७. प्रति सं०२ । पत्र सं०१४ाले. काल सं. १६५७ । वे० सं. ४६५ भण्डार।