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________________ [ मादित्य विशेष-भारम्भ- 1.. . .... .. नरसरीपुरी रावयाहु समयति जय राम बातो : 4 : rms: तस नंदन श्री नेमजी सांवल वर सरीरो ।। धन धन अदें छी ज्या तेव राजसदरसरण करता। दालंदरनासे जीन मो सो सोरजी हुतो ॥ समदत्रजजी रो नंद प्रतेरो ले प्रावण जी । सविली हूँधी रो नमे कल्याण सु पावणो जी ।। प्रति अशुद्ध एवं जी . .. | i f -- २६१४. नेमिराजलब्याईलो गोपीकृष्ण । पत्र साच्च । भाषा-हिन्दी | विषय-कथा । २० काल सं. १६६३ सार्पण बुदी। कले। प्रपूर्ण ।' . '२३५० । 'अ भण्डार । श्री जिण चरण कमल नमो नमो प्ररणगार । मनावर बाल तणे व्याय यह सुलदीय iii . . . . ..... . . . . . . . हादसती मगरी भनी सोरठ से मझोर-1.. . ...... . : ... ... ... . .. ..इन्फारी सा अपमा. मुंदर बहु विस्तार र ।। चौडा नो जीजण लिहा लांबा बारा जारण । ... I t Fin. F HITSकप्रिरमाहिरेवाहर यसरप्रमाण- Tअन्तिम .. राजल नेम तणो व्याहलो जी गावसी जो नरनारी ........ भरण गुण सुगसी भलो जी पावसी सुख प्रपार ।। . कलश- प्रथम सावरण चोध सुकली वार मंगलवार ए। ' in IXE सेवेत प्रैठारी वरसतरम .in । श्री मेम राजल कसन गोपी तास चरत वखानही ... | iPi Ft .. ....... ... ... *मृतार चोखा सहि काहि भाषी :कही कथा प्रमाण ए. इति श्री नेम राजल विमानसो संपूर्ण ii HinF !!' - इससे. मागे नव भवजी डेल. वो है वह अपूर्ण है। . ... २६१५. पंचाख्यान-विष्णु शर्मा पत्र 'सं० । प्रा १२६५६ । भाषा-संस्कृति | विषयबखा। रक कामे RIXI पूर्ण ० सं०२००६ । 'श्र भण्डार | k th. " विशेष-केवल ६३वा पत्र है | भण्डारा में मति ( सं.ixotiपूर्ण और है . . .F ,
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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