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पुराण साहित्य ]
न्य भण्डार 1
[ १४६
१८६८ प्रति सं० ५ पत्र सं० २५७ ० काल सं० १७९४ पासीज नदी १३ ० सं० ३१२ ।
विशेष — सांगानेर में गोधों के मन्दिर में मदुराम ने प्रतिलिपि की थी ।
इसके अतिरिक्त
भण्डार में २ प्रतियां ( ०
२०४ ) तथा भण्डार में एक प्रति ( ० ० ५६ ) और हैं। छ
१८६१. पद्मपुराण - भ० धर्म की ति पुराणा । २० काल सं० १८३५ कार्तिक सुदी १३ ।
भण्डार |
० ४२५, ४२६) भण्डार में एक प्रति ( वे० सं०
पत्र सं० २०७० १६४६ भाषा-संस्कृत विषय० ० ३ । छ भण्डार 1
विशेष—जीवनराम ने रामगढ़ नगर में प्रतिलिपि की थी।
१६०० पद्मपुराण ( उत्तरखरड )... पत्र [सं० १७९ ०१४४६ भाषा-संस्कृत विषय-पुरास १० काल X ने० काल X अपू ० सं० १६२३ट भण्डार
1
विशेष—वैव पद्मपुराशा है बीबके कुछ पत्र होने काट दिये हैं। मन्त में श्रीकृष्ण का वर्णन भी है। १६०२. पद्मपुराणभाषा - पं० दौलतराम पत्र सं० ४६६ ० १४८७ । भाषा हिन्दी गद्य २० का ० १०२३ माघ सुदी १ ० काल सं० १९९५ पूर्ण पे० [सं० २२०४ अ भण्डार ।
पुत्र
विशेष – महाराजा रामसिंह के शासनकाल में पं. शिवदीनखी के समय में मोतीलाल गोदीका के घमरवन्द्र ने हीरालाल कासलीवाल से प्रतिलिपि कराकर पाटोदी के मन्दिर में चढ़ाया।
११०२. प्रति सं० २०५४१
० का ० १८८२ प्रासोज सुदी १० सं० ५४ ग
विशेष जैतराम साह मे सवाईराम गोधा से प्रतिलिपि करवायी थी।
भण्डार
१६०३. प्रति सं० ३ पत्र सं० ४५१ ० का ० १८६७० सं० ४२७ विशेष-इन प्रतियों के अतिरिक्त
भण्डार में दो प्रतियां (१० सं० ४१०, २२०३) क और ग भण्डार
में एक एक प्रति ( ० सं० ४२४५३) घ भण्डार में २ प्रतियां ( वे० सं० ५५ ५६) च और ज भण्डार में दो तथा एक प्रति ( ० सं० ६२३, ६२४ व २५२ ) तथा भण्डार में २ प्रतियां (वे० सं० १६,८८) और हैं ।
भाषा - हिन्दी पद्य ।
१६०४. पद्मपुराणभाषा- खुशालचन्द । पत्र सं० २०६ | ० १०४५ इस विषय - पुराण | र० काल सं० १७८३ । ले० काल x पूर्ण । वे सं० १०८७ | भष्वार |
७५२ | अ भण्डार |
श्री
१६०५. प्रति सं० २ । पत्र सं० २०६ से २६७ ले० काल मं० १८४५ सावण बुबी 35 वे० सं०
विशेष---- ग्रन्थ की प्रतिलिपि महाराजा प्रतापसिंह के शासनकाल में हुई थी । इसी भण्डार में ( ० सं० ३४१ ) पर एक प्रपूर्ण प्रति और है ।