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________________ अध्यात्म एवं योग शास्त्र ] [ ४३ रेन वैराग्य पच्चीसी - भैया भगवतीदास । पत्र संख्या -४ | साइज - ७८ । भाषा - हिन्दी विषय- अध्यात्म | रचना काल सं० १७५० । लेखन काल- ४ । पूर्ण । वेटन नं० ५५६ | २७६ वैराग्य शतक ....... - पत्र संख्या- ११ साइज १०४४ स्थ। भाषा प्राकृत विषयश्रध्यात्म | रचना काल -X | लेखन काल - सं० १८१६ बैसाख सुदी ११ । श्रपूर्यं । वेष्टन नं० १४४ विशेष - जयपुर में नाथूराम के शिष्य ने प्रतिलिपि को भी | गाथाओं पर हिन्दी में अर्थ दिया हुआ है । १०३ गाषायें हैं । प्रारम्भिक गाथा निम्न प्रकार हैं: संसार मिसारे पथि सुहं वाहि वेखापरे । तो जीवो यकार जिपदेसिय धनं ॥ १ ॥ २८० षट्पाट - कुन्दकुन्दाचार्य । पत्र संख्या - ६२ । साह - १३४ इंच । माषा-प्राकृत विषयश्रध्यात्म | रचना काल–× । लेखन काल - सं० १७३६ मात्र बुदी ११ । पूर्ण । वेष्टन नं० ६२ । विशेष --- साइ काशीदास घागरे वाले ने स्वपठनार्थं धर्मपुरा में प्रतिलिपि की । चक्षर सुन्दर एवं मोटे हैं। एक पत्र मैं ४-४ पंक्तियां हैं । ८१. प्रति नं० २ - पत्र संख्या - २४ । साइज - ११९५ ३ | लेखन काल - सं०] १७४४ | पूर्ण | वेष्टन नं० ८६ । विशेष- प्रति संस्कृत टीका सहित हैं। प्रथ की २ प्रतियाँ और हैं । २८२. समयसार कलशा - अमृतचन्द्राचार्य पत्र संख्या- ४५६ साइज - ११३८ च । माषासंस्कृत] | विषय - अध्यात्म | रचना काल -X | लेखन काल सं० १६०२ श्रावण बुदी ३ । पूर्ण । वेष्टन नं. ४३ । विशेष- संस्कृत में कहीं २ संकेत दिये हुए हैं। यम की दो प्रतियां और हैं। २८३. समयसार टीका - अमृतचन्द्राचार्य । पत्र संख्या ६४ | साइज - १२४६ हश्च । भाषा-संस्कृत | विषय- श्रध्यात्म 1 रचना काल -x | लेखन काल-सं० १७८ भादवा सुदी १४ । पू । बेष्टन नं. ४१ । विशेष – लेखक प्रशस्ति निन्न प्रकार है प्रशस्ति-संवत्सरे बसुन |गमुनदुमिते १८ मापद मासे शुक्ल पते चतुदशी तियों ईसरदा नगरे राज्ये श्री श्रजितसिंहजी राज्य प्रवर्तमाने श्री चन्द्रप्रभुचैत्यालये श्रीमूलसंघे बलात्कार गयो सरस्वती गच्छे श्री कुन्दकुन्दाचार्यान्मये मंगावत्या: भट्टारकजित श्री सुरेन्द्र कीर्तिस्तरपट्टे म० श्रीजित् श्रीजगतकीर्ति तत्पदृपः स्मर्यसमाया निर्जितसागरेसादि पदार्थ स्वपंडातरितागम बोधे म० शिरोमणि भट्टारक जित श्री १०८ श्रीमद्देवेन्द्र कीर्तिस्तेनेयं समयसारयैका रवशिष्य मनोहर कथानार्थ पठनाथ
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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