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विषय-ज्योतिष एवं निमित्वज्ञानशास्त्र ४४. अरिष्टाध्याय-पत्र संख्या-१० । साइज-१६x६ इञ्च | भाषा-प्राकृत । विषय-न्योतिष । रचना काल-x 1 लेखन काल-सं० १८५६ मंगसिर खुदी ११ । पूर्ण । वेष्टन नं० १३१ ।
विशेष—कुल २०३ गाधाएं हैं। अन्त में ८ पच में छाया पुरुष लतच है 1 पं० श्रीचंद्र ने प्रतिलिपि की थी।
___४४६. क्षीरसव-- विश्वकर्मा । पत्र संख्या-१८ । साइज--१२x६व । भाषा-संस्कृत । विषयज्योतिष ( शकुन शास्त्र ) । रचना काल-- । लेखन काल-४ । अपूर्ण । वेष्टन नं. ३७४ |
४५०, चमत्कारचिंतामणि-नारायण । पत्र संख्या-७ | साइज-१०x१ इञ्च । माषा-संस्कृत । विषय-ज्योतिष । रचना काल-- 1 लेखन काल-सं० १-६६ ज्येष्ट सही ४ । पूर्ण । वेष्टन मं० ४६१ ।
विशेष-सवाई जयपुर में महाराजा जगतसिंह के शासन काल में प्रतिलिपि हुई थी।
४५१. ज्योतिषरत्नमाना-श्रीपति भट्ट । पत्र संख्या-१५ । साइज-१०x४३ ५श्व | भाषा-संस्कृत । विषय-ज्योतिष | रचना काल-x | लेखन काल-~! अपूर्ण । वेष्टन नं. ० ४६४ ।
४५२. नीलकंठज्योतिष-नीलकंठ । पत्र संख्या-५६ । साइज-११४५ इञ्च । भाषा-संस्कृत । विषयज्योतिष । रचना काख-शक सं० १५.१ यासोज सुदी ६ | लेखन काल-४ | पूर्ण । वेष्टन नं. ४६ . ।
वशेष-नीलकंठ काशी के रहने वाले थे।
४५३. पाशाकेबली-पत्र संख्या-६ । साइज-११६४१३ इन्च | भाषा-संस्कृत । विषय-ज्योतिष । रचना काल-x | लेखन काल-~। पूर्ण । वेष्टन नं. ४०० ।
श्लोक संख्या ४५ है । पाशा फेंक कर उसके फल निकालने की विधि दी हुई है।
४५४. भडजीविचार-सारस्वत शर्मा । पत्र संख्या-१४ । साइज-११६४५ त्र । भाषा-हिन्दी पम | विषय-ज्योतिष | रचना काल-x 1 लेखन काल-~। पूर्ण 1 बेष्टन नं. ४६८ ।
विशेष-प्रत्येक नक्षत्र तथा तिथियों में मेघ की गर्जना को देखकर वर्ष फल जानने की विधि दी हुई है। फूल ३१६ पथ हैं।
४५५. शोप्रबोध-काशोनाथ। पत्र संख्या-३४ । साइज-१०४६६व | भाषा-संस्कृत । विषययोतिष । रचना काख-X । लेखन काल-सं० १८६६ शाम बुदी १४ । पूर्ण । वेष्टन नं० ४६६ |
विशेष-चतुर्थ प्रकरणा तक है । श्लोक संख्या-७७ है । उदयचन्द ने खपठनार्थ लिपि की थी । गुटका साइज है।