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नाम
पजा एवं प्रतिष्ठादि अन्य विधान ]
[ २०५ पत्र सं.
विशेष १२) अनंतबनपूजा
३४२ से ३७४ र०का. १६३० सचित्र (२६) रत्नत्रय पूजा केशवसेन
३७५ से ३४६ (२७) रनरवतोचापन
३६७ से ४१२ (२८) पत्यमतोधापन पूजा शुमचंद्र
४१३ से ४५६
चित्र सहित (२६) मासांत चतुर्दशी पूजा अदयराम
चित्र सहित ५३०) नमोकार पैंतीसी पूजा यक्षयराम
४४५ से ४०
चिम सहित (३१) जिनगुणसंपत्तिवतोधापन -
४५१ से ४५८
सचित्र (३२) त्रेपन कियानतोधापन देनेन्द्रकीर्ति
४५३ से ४६६ ३३) सोख्यत्रतोधापन अक्षयराम
४६७ से ४१
सचित्र (३४) सप्तपरमस्थान पूजा
४८१ से ४८ (३५) अन्टारिका पूजा
४८ से ५११
सचित्र (३६) रोहिणीनताधापन
५१२ से १२४ खे० का २८८ विशेष-जयपुर में लिपि हुई थी। (३) रत्नावलीत्रतोषाधान
४२५ से ४३६ (३८) मानपच्चीसीबतोयापन प्ररेन्द्रकीर्ति ५३७ से ५४५ ले.का.१८४० -
_ विशेष-जयपुर में चंद्रप्रभु चत्यालय में लिपि हुई थी। (३६) चिमैरुपुजा भ० रमचंद्र १४६ से १२ (४०) श्रादित्यवास्वतीयापन -
सचित्र (४१) अनयदशमीवत पूजा -
५६२ से ५६६ (४२) द्वादशवतीघापन देवेन्द्र कीति
१६६ से ५७. (४३) चंदनषष्टीनतपूजा -
से ५१
सचिष पर अपूर्ण
into them
सचित्र
सचिन
कम
विशेष-५८४ से ६०१ तक पृष्ट नहीं हैं।
(४४) मौनियतीचापन (५५) व तज्ञानमतोधापन (४६) कांजीव तोधापन
६.६ से २१ ६२२ से ६३६
।
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(४७) पूजाटीका संस्कृत
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६४५ से ६५४
इसके अतिरिक्त र फुटकर पत्र है। और २ पक्षों में व्रत पजाओं की सूची दी है महत्वपूर्ण पाठ संग्रह है।