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धर्म एवं आचार शास्त्र ]
७६. बाईसपरीषह-पत्र संख्या- I साइज-X लेखन काल- प । लेष्टन . २ । .
[ १८७ । भावा--हिन्दी । विषय-धर्म । रचना काल-x
७७ भगवतीभाराधना भाषा-सदासुख कासलीवाल | पत्र संख्या-१८ I साइज-११४:18 | माला-हिन्दी गध । चित्रप-याचार शास्त्र । रचना काल-सं० १६०० भादवा दी लेखन काल-सं. १६४ श्राबाट बुद्धी ३ । पूर्ण | बेष्टन नं० ५ ।
विशेष-श्लोक संख्या २१६७ । एक प्रति और हैं ।
७८. मिथ्यात्व संग्न-वस्तराम साह । पत्र संख्या-८ । साइज-=१x६ ! भाव-हिन्दी पथ | विषय-धर्म ( नाटक ) । रनना काख-सं० १८५९ पौष सदी । । लेखन काल-X । पूर्ण । वेष्टन नं. १४- |
पद्य संख्या-१४२८ दिया हश्रा है । एक प्रति चौर है।
७६. मिथ्यात्व निषेध-बनारसीदास । पत्र संख्या-३२ । साइज-१०x. इन 1 भाषा-हिन्द विषय--धमं । रचना काल-X1 लेखन काल-सं० १६०७ सावन सुदी १४ । पूर्ण । वेष्टन नं. १५.।
विशेष--०८ पत्र से सूम सूमनी कमा थानतरान कृत दी हुई है।
८०. मोक्षमार्गप्रकाश-पंटोडरमज । पत्र संख्या-२..। साज-११xc. २ | भावा-हिन्दी (नध) 1 विषय-वमं । रचना काल-: । लेखन काल-स. १९४८ भाषाद बुदी २ । पूर्ण । वेष्टन न ।
१. रत्नकरंतश्रावकाचार-पं० सदासुख कासलीवाल । पत्र संख्या-४३.0 | HII-११४८ ।। भावा-हिन्दी गए । विषय-प्राचार शास्त्र । रचना काल-सं० १५ चैत्र बुदी १४ । लेखन काल--- | पूर्ण । बेष्टन नं. ८३ ।
विशेष-- सावजी के हाम के खस्टे से प्रतिलिपि की गयी है।
८२. रत्नकरदायका चार--थान नी । पत्र संख्या-२१ । साइज-१३३४५ इंच । भाषा-हिन्दी । मित्रय-प्राचार शास्त्र । रचना कास-सं. १८२१ चैत्र पुरी ५ । लेखन काल- I पूर्व । बैटन नं. १
विशेष-हरदेव के मन्दिर में लिवाली नगर में फूलचंद की प्रेरणा से अप स्वना हुई पी ।
८३. रयणसार--कुन्दकुन्दाचार्य। पत्र संख्या-१८ 1 साइज-EX । मावा-प्राकृत । विषयधर्म । (चना काल--- ! लेखन काल- १ । पूर्व । बेष्टन नं. ८ ।
विशेष-सवा नगर में महात्मा गोरगन ने प्रतिलिपि की पी 1 गाथा सं० १.० है । एक प्रति और है ।
६४. लाटीसंहिता (भावका चार)-राजमल्ल ! पत्र संख्या-६ | Ha-११४५ 1 भाषा-संस्कृत । सिम-प्राचार शास्त्र । (चमा काल-सं० १६४१ । लेखान काल-सं. १८५३ अाधार बुदी: । पूर्व । वान नं. २८ !