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[ संग्रह
सीताचरित्र पुरन्दर चौपाई योगसार
कविबालक मालदेव पुरि योगचन्द्र
. ११७-२३७
६३७-२५६ २१७-२६२
लेखनकाल १७६
७०५. गुटका नं०१६ | पत्र संख्या-३७६ । साइज-६४४३ हछ । मात्रा-संस्कृत-हिन्दी । लेखन काल-X| पूर्ण । वेष्टन नं. ६३११
निम्न पाठों का संग्रह है
जिनसहस्रनाम पूजा समवशरण पूजा
संस्कृत
पत्र-१५६
श्रम भूषण लालचन्द विनोदीलाल
रचना काल-१८३४
७०६. गुटका नं०१७) पत्र संख्या-६० से ४१० | साइज-ext स्व | भाषा-हिन्दी । लेखन काल-x। अपूयो । वेष्टन नं.६३६ ।
मूख्य पाठों का संग्रह निम्न प्रकार है -
भाषा
विशेष
हिन्दी
अपभ्रश
रचना का नाम
क का नाम पंथोगीत
धीहल परमात्म प्रकाश
पोगोन्द्रदेव पनारसी विलास के कुछ अश बनारसीदास লালুঙ্গি
कवि नालक घद संग्रह मांगी तु गीतीर्थ वर्णन परिखाराम दोह। शप्तक
हेमराज
रचना काल 1७१३ , विभिन्न कत्रियों के पदों का संग्रह है
___ अध्यात्म, २० का सं. १७२५ कार्तिक सुदी ५, १०१ पय है।
अध्यात्म १०१ पय है।
, स्तोत्र अंतिम पद्य हेमराज कृत है।
दोह शतक
रूपचन्द सिन्दूर प्रकरण
बनारसीदास भक्तामर स्तोत्र टीका प्रखयराज श्रीभाल संबोध पंचासिका
त्रिभुवनचन्द असुबत की बखरी
अकृत्रिम चैत्यालय को जयमाल पद-चेतन यो घर नाहीं तेरो मनराम