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________________ भैय्या भगवतीदास संस्कृत गुटक] निर्वाणकांड भाषा चतुर्विंशतितीर्थकर पूजा जिनसहस्त्रनाम मानचिंतामणि भक्तामरस्तोत्र भाषा गुणमंजरी बाईसपरीषह सिन्दूरप्रकरण समयसार नाटक श्राशाधर मनोहरदास रचनाकाल सं० १७० हेमराज हृदयराम कौरपाल बनारसीदास बनासीदास १६४ ८१५ गुटका नं०७। पत्र सं० २६१ । साइज-६x६. इश्च 1 लेखनाल-सं० १६१४ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २६ । विशेष--३६ पूजा एवं विधियों का संग्रह है। तीन गुटकों का सम्मिश्रण है। दूता गुटका सं० १७५० तथा तीसरा सं० १७ में लिखा गया था । ८१६ गुटका नं.८ । पत्र सं. १४७ | साइज-sx६ इञ्च । लेखनकाल | पूर्ण एवं अशुद्ध । दशा: सामान्य । वेष्टन नं २६ । विशेष—३६ पूजा एवं स्तोत्रों का संग्रह है। कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। ८१७ गुटका नं । पत्र सं० १८४ । साइज-८४५ इम्ब । लेखनकाल x। पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । . दशा-सामान्य । वेष्टन नं. २६ । विषय-सूची कर्ता का नाम भाषा विशेष मित्रदोहकथा भवितव्यं भवतीति कमा पंचमंगल रूपचंद राजलपच्चीसी विनोदीलाल शीलमुरंगी चुदड़ी बतरवचनोच्चारिणी कया संस्कृत नियमपालन कमा ममता कुमार कया सोकानुरंजनी कथा रसावली कया मराज बबराज कथा संस्मत
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
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