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________________ ज्योतिषादि] रचनाकाल । लेखनकाल-सं० १८११ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं. १२६ ।। विशेष-२४ प्रकार के प्रश्नों का उत्तर दिया गया है । विधि- सहित है। प्रत्येक प्रश्न का यंत्र मी है। ...' ३- प्रश्नरत्नावलि......"। पत्र सं० १५ । साज-६x६ इञ्च | माषा ४ । विषय-शनशास्त्र | रचनाकाल x | लेखनकाल x ! पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० ११. . विशेष--२७ प्रश्नों के २५ यंत्र हैं । यंत्र में केवल वर्णमाला के अक्षर हैं। उत्तर प्राप्त करने की विधि भी लिखी हुई है।... ३६पातिलाइ के नाम की शकुनावली......1 पत्र सं० ३ । साइज-Ex७३ इन्च । भाषा-हिन्दो । ' विषय-शकुन शास्त्र ! रचनाकाल x | लेखनकाल ४ ! पूर्ण एवं शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० ११० | ___ विशेष-रेखाचित्र मी दिया हुआ है । १५ बादशाहों के नामों पर शकुन फल दिया हुआ है। ... "ओं ह्रीं श्री महमदापीर बलबुल हलकुन दरंदा अभिमन" इस प्रकार का प्रारम्भ होता है। ४०० प्रति नं० २१ पत्र सं० ४ | साइज-१०३४५ इन्द ! लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध | दशा-सामान्च 1 बेटन नं. ११७ . . . विशेष-यंत्र सहित है। ४०१ पाशाकेवली.! पत्र सं० २८ | साइज-५६४५६ इञ्च'! भाषा संस्कृत ! विजय-ज्योतिष । - रचनाकाल x | लेखनकाल ४ | अपूर्ण प्रारम्भ के ६ पत्र नहीं है । सामान्य शुद्ध | दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २८३ । ४०२ पंचाङ्गा.......। पत्र सं० १६ । साइज-६x४३ इन्च । भाषा-संस्कृत | विषय-ज्योतिष । रचनाकाल ४ | : लेम्वनकाल-सं० १६१७ । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा-सामान्य । बेष्टन नं० २६० | संवत् १६१७ का महाराजा तख्तसिंह के समय का पंचाग है.। ४.३ पथराइचक्र.."। पत्र सं० १ । साइज-११४५ इञ्छ । माषा-संस्कृत | विषय- ज्योतिष । रचनागल X । लेखनकाल X | पूर्ण एवं शुद्ध | दशा सामान्य । वेष्टन नं. ११०। ४०४ बसंतराजशकुनावली-बसन्तराज । पत्र सं०७० । साइज-१२४४३ इद । माषा-संस्कृत ! विषय-शकुन शास्त्र । रचनाकाल ४ । लेखनकाल X| अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य ! वेष्टन नं. १३२ । विशेष- -हिन्दी टीका भी दी हुई है । ५, ६ तमा. ५० से आगे के पत्र नहीं है । ४०५ मुहूर्तमुक्तावलि-परमहंस परिव्राजकाचार्य । पत्र सं० १५ । साइज-११४५ इन्च 1 भाषा-संस्कृत । सरप-ज्योतिष ! रचनाकाल x | लेखनकाल X| पूर्ण एवं शुद्ध | दशा-सामान्य 1 वेष्टन नं. १५४ । ४०६ मेघमाला....."। पत्र सं० १६ । साइज-१०४४ इञ्च । भाषा-संस्कृत ! विषय-ज्योतिष । . रकलाका X । लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्धः । कशा सामान्य । वेष्टनःनं. १४E ... ... . . विशेष- महादेव पार्वती संवादःका एक अंश है। ..
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
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