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रचनाकाल × | लेखनकाल - सं० २७३६ । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं ०७३।
३४३ नाडीपरीक्षा - पत्र [सं० ३ । साइज ११४०३ | भाषा-संस्कृत | विषय - आयुर्वेद 1 रचनाकाल × । लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा सामान्य | वेष्टन नं० ८७ ।
३४४ प्रति नं० २ । पत्र सं० ३ | साइज ११३४५ इव । लेखनकाल | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य वेष्टन नं १
३४५ प्रति नं० ३ | पत्र सं. ४ | साइज ६५४ ] लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य । ब्रेन नं० ८७ ।
३४६ निवन्धसंग्रह
रचनाकाल ^ लेखनकाल—सं १७६= | पू एवं सामान्य शुद्ध दशा - सामान्य | वेन्टन नं०=१ | विशेष- लेखक - श्री सुखानंद है ।
[ आयुर्वेद
पत्र सं. ५४ | साइज १०४२ इञ्च । माषा-संस्कृत विषय श्रायुर्वेद |
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३४७ पश्यनिर्णय
पत्र
रचनाकाल × । लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध
सं०-४३ | साइज - २४३ इश्च । माषा-संस्कृत | विषय - आयुर्वेद । दशा - सामान्य । वेन्टन नं० ११२ ।
विशेष -- हिन्दी में श्रीं मी दिया हुआ है । ३४= पयापथ्यविधि
रचनाकाल X। लेखनकाल | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा जीर्ण | वेटन नं० ११२ । विशेष - अन्त में विषय सूची दी हुई है । ५२ विधियों का वर्णन है।
पत्र मं० - २५ | साइज - ११४५ इव । भाषा-संस्कृत | विषय - श्रायुर्वेद |
३५६ बालतन्त्र - कल्याण | पत्र सं० २६ | साइज १०
लेखनकाल X। पूर्ण एवं शुद्ध दशा उत्तम | वेष्टन नं० १३१।
विशेष - अन्धकार ने लिखा है कि उसने बालतन्त्र को अनेक शरीर सम्बन्धी अन्यों के अध्ययन के पश्चात् लिखा है । ३५० माधवनिदान - माधवाचार्यं । पत्र सं०-१२६ | साइज - १३x६ इव । माषा संस्कृत | विषय - श्रायुर्वेद । रचनाकाल × । लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध दशा उत्तम 1 वेष्टन नं ० - १५० ३
विशेष – हिन्दी टोका भी है।
इञ्च । माषा-संस्कृत विषय श्रायुर्वेद । रचनाकाल xt
३५१ योगचिंतामणि -हर्षकीर्त्ति पत्र सं.-११ | साइज १२६४६ इन्च मात्रा-संस्कृत विषय श्रायुर्वेद ! रचनाकाल × | लेखनकाल - सं० १८२७ । पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं०-१५५ १
विशेष - हिन्दी अर्थ भी दिया हुआ है । लेखक - जयचन्दजी बाबा है।
३५२ प्रति नं० २ । पत्र सं० १६३ | साइज १३६६ | लेखनकाल- सं० २०६३ मंगसिर शुक्ला ४ | पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य । वेष्टन नं० १५६ ।
विशेष --- दोडारायसिंह निवासी साहजी सालिगराम कोश्यारी ने गिरधारी व्यास से प्रतिलिपि करवायी थी | हिन्दी अर्थ भी दिया हुआ है। प्रथम प्रति से इसकी टीका भिन्न है ।