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________________ २५ २६३ पंचसंधि काल × ! लेखनकाल × । अपूर्ण, १, २, ३, ५ पत्र नहीं है । सामान्य शुद्ध | दशा- सामान्य | वेष्टन नं० १२५ विशेष – शब्द और धातुओं के रूप दिये हुये हैं। [ व्याकरण | पत्र सं० ११ | साइज १२४५ ३ इञ्च । भाषा-संस्कृत | विषय - व्याकरण | रचना प्रकरण" २६४ विपरीत रचनाकाल x । लेखनकाल ४ । पूर्स एवं शुद्ध विशेष- लिपिकार - स्वरूपचंद | २६५ पोढा समास - वरूचि । पत्र सं० ४ । साइज १०३४४३ इन्च भाषा संस्कृत | विषय - व्याकरण । रचनाकाल × 1 लेखनकाल X 1 पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य ! वेष्टन नं० २०६ | २६६ शब्दानुशासन - आचार्य हेमचन्द्र व्याकरण | रचनाकाल | लेखनकाल - सं० १८६० | | पत्र ०४ | साइज ११४५ इञ्च | भाषा-संस्कृत | विषय - व्याकरण | दशा - सामान्य | वेष्टन नं ११ २६७ प्रति नं० २ । पत्र सं० ४ १ साइज १०५ इञ्न । लेखनकाल -सं० दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २७३ | सामान्य | २३= | २६८ सारस्वतसूत्र--नुभूतिस्वरूपाचार्य | पत्र सं०-१० | साइज १०४ व्याकरण | रचनाकाल × । लेखनकाल - सं० १३ कालिंक बुदी । पूर्ण एवं शुद्ध विशेष-केवल सूत्रों का संग्रह है। पुत्र सं ४७ | सहिजे ११४४ इन्च | भाषा-संस्कृत विषय - म अध्याय के चतुर्थ पाद तक । शुद्ध दशा उत्तम | वेष्टन नं ० २२३ २८६० । पूर्ण एवं शुद्ध । २६६ प्रति नं० २ । पत्र सं० = | साइज - १०३०४३ इन्च | लेखनकाल | पूर्णं एवं शुद्ध दशा ३०३ प्रति नं० ४ | पत्र सं० दशा- जी | वेन्टन नं ०२४१ | इच । भाषा-संस्कृत । विषयदशा - सामान्य । न नं० २३= C. ३०० सारस्वतप्रक्रिया - अनुभूतिस्वरूपाचार्य । पत्र से०६१ साइज - १०० इञ्च भाषा-संस्कृत 1 विषय-याकरण | रचनाकाल । लेखनकाल x 1 पूर्ण एवं अशुद्ध दशा- जीर्ण | वेष्टन नं० २४२ । ३०१ प्रति नं० २ । पत्र से० २४ । साइज ११३४ इञ्च । लेखनकाल - सं० १७६६ श्रषाद मुदी १३ | श्रपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । वेष्टन नं० २४१ । ३०२ प्रति नं० ३ | पत्र सं० ५४ | साइज - ११६४४ इच । लेखनकाल - सं० १७४२ । तद्धित प्रक्रिया तक ! सामान्य शुद्ध | दशा- जीर्ण | वेष्टन नं ० २४३ । | साइज - ११३४३ इन्च | लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | ३०४ प्रति नं ५ | पत्र ० ५० | साइज ११६५६ इन्च | लेखनकाल x | अपूर्ण श्रन्त के पत्र नहीं है। शुद्ध । दशा--सामान्य | वेन्टन नं० २४४ | ३०५ प्रति नं ६ | पत्र ०७२ | साइज - १३४४ इञ्च । लेखनकाल | अपूर्ण प्रारम्भ के २६ पत्र नहीं है | सामान्य शुद्ध | दशा- सामान्य । केन नं २४४ ।
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
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