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________________ ४१६ सोलह स्वन ३० लक्ष्मीदासभविम्यदत्त चरित्र १८ यशोधर चरित्र २२६ निदोष सप्तमी कया २३... श्रोणिकचरित्र ३६७ रायमल्ल लक्ष्मीवल्लभ गरिणभक्तामरस्तोत्र का ३, १५०,३०१ चौवीसदण्डक १५४ रूपचन्द । भट्टारक लक्ष्मीसेनपंचमंगल ८०, ८५, ६४, ६१, ६.६, १०२, । कर्मचावतोधापन ५७ १०४, १०, ११४, २, ३३०, ३४० श्रावकाचार १७२ ३४१, ३६५, ३७० / लक्ष्मीसेनदोहाशतक १ सप्तर्षिपूजा ६८ जखडी ६३, ३६५ . ललितकीर्ति - दोहा परमार्थी ६१,३६० कंजिकाव्रतीचापनपूजा छंद ११ लालचन्दगीत षट् कर्मोपदेशरत्नमाला ५ पद ३४८, ३६५ मन ज्ञान का समाम ११६ सोलह स्वप्न फल ३४% लीलावती भाषा २८२ स्तुति :२६ राजुलपच्चीसी ३६०, ३६६, ७ दोहावलि ३२५ लाल चन्द विनोदीलालपरमा दोहा शतक १८० राजुलपच्चीसी ७२, ३३२, ४, रूपचन्द्र सम्यक्त्वकौमुदी २४३ समवशरण पूजा ६८ लाललालजीपाण्डे रूपचन्द्र समवशरण पूजा ३१७ विशेषसत्तायंत्र १४५ लोकसेनाचार्यरूपचन्द्र दशलमपविधान ३०३ समयसार टीका ११ रुपचन्द बिलाला लोलिम्बराज . . भद्रबाहु चरित्र टीका २२६ वैद्यजीवन ३४ . . . . लक्ष्मीचन्द लोहट- : .... - द्वादशानुता १८०, ३४६, ३५८ • १८ नातों का चौटाला =३ .. : लक्ष्मणाचार्य वनकीतिसगीतरत्नाकर ३२० रत्नावलि व्रतोद्यापन ६६
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
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