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कृपणकवित्त
पंचस्तोत्र
मानवावनी
सुप्पदोहा
विषय-सूची
अणस्तमितसंधि
नूनडीरास
सद्गुरूनामावलि
२४०५ गुटका नं० १७० | पत्र सं० १३५ | साइज - ६५ इन्च । लेखनकाल - मं० १७२० | श्रपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २५८४ |
विषय-सूची
कर्ता का नाम
समयसार
बनारसीदास
भानबावनी
वीरचरित्र मांति
कर्म प्रकृति
विषय-सूची
देवागमस्तोत्र
चतुर्विंशतिजिनस्तवन
२४०६ गुटका नं० १७१
।
पत्र सं० ६४ | साइज - ६४५ इन्च | लेखनकाल सं० १६२० पौष सुदी २ ।
अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २५३८ ।
कर्त्ता का नाम
हरिचन्द्र
विनयचन्द्र
कर्ता का नाम समन्तभद्राचार्य
परीक्षामुख
जिनशतक
समाधितन्त्र
भाषा
हिन्दी
भाषा
हिन्दी
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संस्कृत
नेमिचन्द्राचार्य
२४७७ गुटका नं० १७२ | पत्र सं० १३५ | साइज - ७७ इञ्च । लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य । वेष्टन नं० २५८५ |
प्राकृत
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प्राकृत
भाषा
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माषा
संस्कृत
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माणिक्यनंदि
समन्तमद्राचार्य
पूज्यपाद
२४७८ गुटका नं० १७३ | पत्र सं० १३१ | साइज - X४ इञ्च । लेखनकाल- सं० १५८० पौष सुदी ११ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य । वेष्टन मं० २५०६ |
विषय-सूची
कर्त्ता का नाम
नागश्री कथा एकावलीवत कथा
विशेष
सं० १७२० फागुख सुदी ५
देवगिरि मध्य जगन्नाथ ने लिखवाया था।
1 संग्रह
विशेष
विशेष
विशेष
रचनाकाल सं० १७५० पच ४१७
पथ ७४