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________________ ▸ २४२ रचनाकाल × | लेखनकाल | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा- जीर्ण | वेष्टन्द नं० १६३५ । १३२४ सम्यक्त्वकौमुदी - गुणसूत्र सं० ४१ | साइज - १०४ | भाषा संस्कृत विषयमा रचनाकाल × । लेखनकाल - सं० १६६७ माघ शुक्ला | श्रपू- प्रथम पत्र नहीं हैं। सामान्य शुद्ध दशा- जीर्यं । वे नं. १६३६ । विशेष- पं० श्रीचन्द ने प्रतिलिपि की थी । १३२५ सम्यक्त्वकौमुदी रचनाकाल X। लेखनकाल x | धनुर्गा दशा- सामान्य । वेष्टन नं० १३३८ | | पत्र [सं० ६४ | साइज - १२३४५ इत्र | भाषा-संस्कृत | विषय | सामान्य शुद्ध दशा- सामान्य । वेष्टन नं० १६३७ १३२३ प्रति नं० २ । यत्र ० ४१ | साइज ११० च । लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्धा १३२७ सम्यक्त्वकौमुदी" " पत्र सं० १३० | साइज - १०३x४३ इञ्च । भाषा-संस्कृत | त्रिश कथा | रचनाकाल × । लेखनकाल - सं० १७६२ वैशाख सुदी शनिवार पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० ११३३ विशेष इन्द्रगढ़ में मुनि मेघत्रिमल ने पंडित नगजी के पठनार्थ प्रतिलिपि की थी । [ १३२८ प्रति नं २ | पत्र [सं० ६ | साइज - १९३४५ इन्च । लेखनकाल - सं० १९६७ वैशाख मुडी १५ पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य । वेष्टन नं १६५० विशेष - १० १७६ में विजयपुर में मुदरदास और उसकी माने० ऋषभदास को यह प्रति भेंट की थी। १३२६ प्रति नं० ३ | पत्र सं० २५ | साइज - १०३ इञ्च | लेखनकाल ० १७५० मंगसिर बुदी १३ पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य | वेष्टननं ६४१ ॥ १३३० प्रति नं ४ | पत्र सं० २०३ | साइज - १२५ ३ प्रारम्भ के ५० पत्र नहीं हैं। सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य | वेष्टन नं १६४२ | च | रचनाकाल X | लेखनकाल X | अपूर्ण १३३१ सम्यक्त्वकौमुदीकथा" | ०४६ | साइज - १०४ इञ्च | मात्रा - संस्कृत | विषय -कया। रचनाकाल × । लेखनकाल X | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० १६४३। १३३२ प्रति नं २ | पत्र सं०४६ साइज - १०३४५ इञ्च । लेखनकाल x | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य । न नं० १६४४ | १३३३ प्रति नं ३ | पत्र सं० २० | साइज - ११x१ इञ्च । लेखनकाल | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १६४५ | १३३४ प्रति नं ४ | पत्र सं० ५२ | साइज - १०x४ ३ | अपूर्ण । सामान्य शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० १६४५ १३३५ सम्यक्त्वकौमुदी - जोधराज गोदका । पत्र [सं० कथा | रचनाकाल-सं० १५२४ | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध = | साइज - ११४५ इञ्च । भाषा - हिन्दी | विषयदशा सामान्य | वेष्टन नं० १६४६ ।
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
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