SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 245
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ་་ [ चरित्र १९०७ नागकुमार चरित्र भाषा - नथमल बिलाला । पत्र सं० १२ । साइज - ११४४ ५ इव | विषय - चरित्र | रचनाकाल - सं० १८१० । लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० ८७५ | 1 ०६२-२४ पूर्व एवं शुद्ध । दशा ૪ ११० प्रति नंः २ । उत्तम । वेष्टन नं ०७६ ११०६ नागकुमार चरित्र भाषा चरित्र | रचनाकाल × 1 लेखनकाल - सं० १३६४ । पूर्ण एवं शुद्ध १९१० नेमिनाथरास-याचायें जिनसेन | पत्र सं० हिन्दी | विषय- चरित्र | रचना मं० १५५० | लेखनकाल - सं० सामान्य | वेष्टन नं० ६२४ । ११ १९९२ पार्श्वनय चरित्र - पं० श्री पद्मसुन्दर | पत्र [सं० ४० साइज - १०३४ इञ्च । माषा-संस्कृत | विषय - चरित्र | रचनाकाल x लेखनकाल - सं० १६१५ | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा- सामान्य बेष्टन नं ० १०७३ । विशेष – बादशाह कबर के शासनकाल में मंडलाचार्य कुमारसेनदेव के ग्राम्नाय में अग्रवाल वंशोत्पन गोयल गोर स्वदेशपरदेशविख्यात मानुचौधरी के 'ने प्रतिलिपि करवाई | दशा - सामान्य । वेष्टन नं ० १००४ । | पत्र सं० २० | साइज - १२३८ इव । भाषा - हिन्दी गद्य विषयदशा उत्तम | वेष्टन नं० = ०७ | १११२ पार्श्वनाथचरित्र भ० सकलकीत्तिं । पत्र सं० १२४ | साइज - ११४५ इन्च । माषा-संस्कृत विषय - चरित्र | रचनाकाल x लेखनकाल x । पूर्णप्र -प्रारम्भ के पत्र नहीं हैं । शुद्ध 1 दशा - सामान्य । वेष्टन नं० १७०१ ० | साइज - २३५ इञ्च । लेखनकाल । श्रपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । . १११३ प्रति नं २ । पत्र मं० १९१४ प्रति नं० ३ शुद्ध दशा-जीयं |प्टन नं १०७६ । साइज - १०३४४३ इन्च मात्रा गुजराती मिश्रित १६१३ पोष सुदी पूर्णिमा | पूर्ण एवं शुद्ध दशा १११५ प्रति नं ० ४ | दशा- जीर्ण | वेष्टन नं ० १०७३। ० ५१-७७ | साइज - १३५५३ इन्च | लेखनकाल X। श्रपूर्ण सामान्य ० ११७ साइज - १०x४१ इ । लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । १९१६ प्रति नं० | पत्र ० = | साइज ११४५ इन्च | लेखनकाल X ! श्रपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- उत्तम | वेष्टन नं० १०७८ । १११७ पार्श्वनाथ चरित्र - पं० असवाल | पत्र [सं० १०६ । साइज - १२x६ इच। भाषा श्रपश | विषय - चरित्र । रचनाकाल × | लेखनकाल - सं० १८२६ | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा- उत्तम | वेष्टन नं ० १०७२ | १११= प्रद्युम्नचरित्र - महाकवि सिंह | पत्र सं० १४४ | साइज - १०x४३ इश्व | मात्रा - अपभ्रंश | विषय - चरित्र । रचनाकाल × । लेखनकाल - नं० १६४६ श्राश्विन ख़ुदी ६ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं. ११४० विशेष-मौजमाबाद में आदीश्वर चैत्यालय में जोशी ऊदा ने प्रतिलिपि की थी। १९१६ प्रति नं २ | पत्र सं० १४० | साइज - १२५१ इन्च | लेखनकाल - सं० १६०४ श्रषाद बुदी १३,
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy